Post author By अफजल Location Patna No Comments on आख़री पैग़ाम था, मैं जब तक तेरा हमसाया तुझे हुआ ना यकीं,अब जो गुज़र गए हम तो, तुझे हुई मोहब्बत शदिद,जाते-जाते जानां बस इतना हैं, तुमसे कहना,रूह को मेरी तुम अपने प्यार से लपेट लेना,जुदा हो जाये अगर कभी तो, मेरी राख को समेट लेना Location Patna ← कैसे हैं ये लोग? → जिस्मानी चाहत