Post author By दिवाकर Location Bokaro No Comments on जिस्मानी चाहत जिस्मानी चाहत में डूबा है ये शहर इश्क देखे जमाना हो गया लैला मजनूं तो लाखों हैं यहां कृष्ण-राधा के बिना शह विराना हो गया Location Bokaro ← आख़री पैग़ाम → किसके लिए जीऊ, किसके लिए मरू मैं