Post author By अफजल No Comments on जिस्मानी मोहब्बत जिस्मानी मोहब्बत से बेहतर है, तुम आसमानी ख्वाहिशें ही कर लो, कमबख्त, कम से कम ये रुह की पाकीज़गी और नियत का मोल भाव तो बचा रहेगा ← खंजर ही नहीं आँखों में पानी चाहिए → मत पूछों दोस्तों मुझसे मेरा प्यार क्या था मेरा प्यार तो था |