दिल्ली में कोरोना की डरावनी रफ्तार के बीच दवाइयों की डिमांड बढ़ने लगी है. दिल्ली के कई मेडिकल स्टोर्स पर भीड़ टूट रही है और कई दवाएं ऐसी भी हैं जिनकी भारी किल्लत है ।कोरोना की दूसरी लहर ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं को वेंटिलेट पर ला दिया है । अस्पतालों में बेड नहीं, ऑक्सीजन की किल्लत से लोग तड़प-तड़प कर मर रहे हैं । और रही सही कसर दवाओं की कमी ने पूरी कर दी है । मेडिकल स्टोर पर कोरोना की दवाइयों का टोटा है. दूसरी दवाइयां भी आउट ऑफ स्टॉक । एक तरह से कहें तो मेडिकल स्टोर से दवाइयां गायब हैं
दिल्ली और उसके आसपास के लोग मरीजों के लिए कोरोना दवाइयों के लिए भटक रहे हैं लेकिन दवाएं बाजार में नहीं मिल रही है. बात सिर्फ रेमडेसिवर की नहीं है । दवाइयां मेडिकल स्टोर पर आती तो हैं और कुछ घंटों में हवा हो जाती है । ये हाल दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों का है. ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं रेमडेसिवर और कोरोना की दूसरी दवाइयों की कालाबाजारी तो नहीं हो रही है । हालांकि सरकार ने अब हालात संभालने के लिए हर राज्य के लिए रेमडेसिवर का नया कोटा 30 अप्रैल तक के लिए जारी कर दिया है ।