कश्मीर में 6 दिन में 4 आतंकी हमला, कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का प्रोपेंगैंडा फिर से बेनकाब - The Media Houze

23 जून को CID इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार की हत्या कर दी गई, 26 जून को CRPF के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया और फिर 27 जून को जम्मू में ड्रोन से हमला किया गया और अब अवंतीपोरा के हरिपरिगाम गांव में पूर्व SPO पर कातिलाना हमला. आतंकवादियों ने पूर्व स्पेशल पुलिस ऑफिसर फैयाज अहमद के घर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें फैयाद अहमद और उनकी पत्नी और उनकी बेटी की भी मौत हो गई. इस आतंकी हमले के बाद इलाके की घेराबंदी कर ली गई है। आतंकियों की तलाश जारी है। लेकिन इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव की आहट ने आतंकियों के होश उड़े हुए हैं और इसीलिए एक के बाद एक हमले कर वो जम्मू कश्मीर के लोगों का डर बढ़ाने में जुटे हैं. 24 जून को प्रधानमंत्री मोदी और कश्मीर के नेताओं की बातचीत से पहले ही 23 तारीख को आतंकियों ने कायराना वार किया. श्रीनगर के नौगाम में आतंकवादियों ने इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार की पीठ पर गोली मारी. ये हमला तब हुआ जब इंस्पेक्टर डार नमाज अदा कर मस्जिद से लौट रहे थे. दहशतगर्दों की दूसरी कायराना हरकत सामने आई जम्मू में जहां 27 जून की रात करीब 1 बजकर 40 मिनट पर आतंकवादियों ने ड्रोन अटैक किया.

दो अलग-अलग ड्रोन के जरिए आतंकवादियों ने एयरफोर्स स्टेशन के अंदर बम बरसाए । हालांकि आतंकवादियों की बड़े हमले की साज़िश नाकाम हो गई और एयरफोर्स स्टेशन को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ । आतंकवादियों की साज़िश एयरफोर्स स्टेशन को बड़ा नुकसान पहुंचाने की थी । खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल की बिल्डिंग और एयरबेस पर खड़े Mi 17 लड़ाकू हेलीकॉप्टर थे । लेकिन आतंकियों के ड्रोन का निशाना चूक गया । जाहिर है आतंकी जम्मू कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं…क्योंकि उन्हें अपने वजूद पर खतरा मंडराता दिख रहा है. 24 जून को सर्वदलीय संवाद के बाद ये साफ हो गया है कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी होनी नामुमकिन है और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जल्द ही वहां चुनाव की संभावना भी बनने लगी है. तो वहीं दूसरी ओर आतंकियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई भी तेज है. एक-एक कर दहशतगर्द मारे जा रहे हैं. उनकी फंडिंग रुक चुकी है और अलगाववादी नेता भी जेल में बंद हैं

और तो और दुनिया भर में कश्मीर के नाम पर भारत को बदनाम करने की पाकिस्तान की सारी कोशिशें भी नाकाम हो चुकी हैं और इसलिए आतंकवादी और उनके आका परेशान है. क्योंकि कश्मीर में उनकी दहशत की दुकान पर ताला लगने लगा है.