वियतनाम से निकला कोरोना का 8वां वैरिएंट, जो हवा में फैलता है, जो सबसे खतरनाक माना जा रहा है - The Media Houze

वियतनाम में कोरोना वायरस का 8वां वैरिएंट मिला है. घबराने की बात है कि इसे अब तक का सबसे घातक वैरिएंट माना जा रहा है. जो हवा में तेज़ी से फैल रहा है. पहले से कहीं ज़्यादा रफ्तार से लोगों को चपेट में ले रहा है. कोविड संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग में इसी वैरिएंट का पता चला। इसी के बाद वियतनाम सरकार ने दावा किया कि वियतनाम का ये 8वां वैरिएंट भारत में मौजूद वायरस के वैरिएंट B.1.617.2 और ब्रिटेन में मौजूद वायरस वैरिएंट B.1.1.7 के फ्यूज़न से बना है। यानी ये इन दोनों वैरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है।

कोरोना काल में चीन की वुहान लैब से निकला वायरस लगातार रूप बदल रहा है, खुद को म्यूटेट कर रहा है। वियतनाम सरकार ने ऐलान किया है कि इस नए वैरिएंट को हल्के में नहीं ले सकते, ये पहले से कहीं खतरनाक है।

ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील और भारत में वायरस के जो वेरिएंट मिले हैं, ये उसका अपग्रेड वर्ज़न है. इसके संक्रमित होने वाले अचानक तेज़ी से बढ़े हैं।

1) वियतनाम में बीते एक महीने में संक्रमण के केस तेज़ी से बढ़े हैं
2) महामारी शुरू होने के बाद से अब तक 6700 मामले आए हैं
3) इनमें 50% से ज्यादा मामले इस साल अप्रैल के बाद आए हैं
4) वियतनाम में कोरोना संक्रमण से अब तक 47 लोगों की मौत हुई है

कोरोना संक्रमण के पहले दौर में वियतनाम के 63 में से 31 शहरों में तेज़ी से लोग संक्रमित हुए थे।हालात काबू हुए, वैक्सीनेशन के बाद तेज़ी से सुधार आया। हालात बिगड़ने से पहले ही संभाल लिये गये।

कोरोना के नए वैरिएंट की चपेट में सबसे ज्यादा लोग वियतनाम के बड़े शहरों हनोई और हो ची मिन्ह में आए हैं। गले में इन्फेक्शन होने, कफ़ जमा होने और सांस लेने में दिक्कत की शिकायतें बढ़ी हैं। कोरोना की जांच के लिये फिर कतार लग रही हैं। नए वैरिएंट की मौजूदगी पर WHO ने बयान में कहा कि हमने वियतनाम में रिपोर्ट किये गये नए वायरस वैरिएंट का अभी आकलन नहीं किया है। वियतनाम में हमारा दफ्तर इसपर काम कर रहा है। हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इसपर कोई ठोस जानकारी मिले।

नए वैरिएंट ने वियतनाम का फोकस वैक्सीनेशन पर बढ़ाया है। ..सारी तारीफ़ों के बावजूद तथ्य ये हैं कि साढ़े नौ करोड़ की आबादी में मुश्किल से 12 लाख लोगों को ही वैक्सीन लगी है. अब फंड जमा हो रहा है ताकि वैक्सीन खरीदी जा सके। टारगेट रखा है कि साल के आखिर तक हार्ड इम्युनिटी पाना है.., क्योंकि पता नहीं वायरस के और कितने वैरिएंट आएंगे।