बॉडी बिल्डिंग बनाने वाले रहे होशियार, दिल्ली की फैक्ट्रियों में बनती है नकली प्रोटीन और फूड सप्लिमेंट - The Media Houze

आजकल जिम सबकी ज़रूरत हैं. खासकर नौजवानों के लिए. क्योंकि आकर्षक छवि बनाने और बरकरार रखने की चाहत में नौजवान जिम की ओर ही दौड़ते हैं और यहीं उन्हें मिलती है फूड सप्लिमेंट और स्टेरॉयड्स के जरिये बॉडी बिल्डिंग की प्रेरणा. और इन्हीं फूड सप्लिमेंट्स की आड़ में फर्जीवाड़े के कारोबारी नकली सप्लिमेंट्स जैसा जहर बेचने का धंधा कर रहे हैं.

दिल्ली एनसीआर में पुलिस और फूड एंड ड्रग्स विभाग के छापे पड़ने लगे तो अलग अलग जगहों से नकली फूड सप्लिमेंट और स्टेरॉयड्स बनाने की फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हुआ. ग्रेटर नोएडा के बादलपुर इलाके में तो पुलिस और ड्रग विभाग के अधिकारियों ने रेड कर करोड़ों रुपये का कच्चा माल और बना बनाया पैक्ड स्टेरॉयड भी बरामद किया. बरामद किये गये फर्जी सप्लिमेंट्स की कीमत करीब 2 करोड़ से ज्यादा है। इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियो को भी गिरफ्तार किया। जबकि इस माल को खरीद कर बाज़ार में बेचने वाले 2 लोग अभी भी फ़रार है। पता चला कि पकड़े गए आरोपी इनकी सप्लाई हरियाणा चंडीगढ़ और पंजाब में करते हैं यह फैक्ट्री एक घर में चल रही थी जिसका मुख्य आरोपी अनुज नाम का युवक है. अनुज ही इस पूरे माल को हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ में सप्लाई करता है इसके साथ ही मुख्य आरोपी अनुज चेन्नई के नामी कॉलेज से बायोटेक की पढ़ाई कर चुका है और देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित कई फार्मा कंपनियों में अच्छी पोस्ट पर नौकरी भी कर चुका है. पता चला है कि नकली स्टेरॉयड्स और फूड सप्लिमेंट बनाने के लिए हरियाणा और मुंबई से कच्चा माल मंगाया जाता था. फिर विदेशी कंपनियों के स्टिकर लगाकर उसे ऊंचे दामों में बेचा जाता था. बादलपुर में मिली स्टेरॉयड की फैक्ट्री के अलावा पिछले महीने अक्टूबर में यूपी के मुजफ्फरनगर में भी पुलिस और फ़ूड डिपार्टमेंट में जॉइंट रेड में लाखों रुपए की नकली फ़ूड सप्लीमेंट बरामद किए थे।

जिसमें 11 बोरी मल्टोडेक्सट्रिन पाउडर ,1 बोरी डेक्स्ट्रोज़ मोनोहाइड्रेट पाउडर,1 ड्रम अमीनो एसिड,1 ड्रम RAGE BCAA पाउडर ,1 ड्रम हाइड्रेट प्रोटीन,3 ड्रम AKOPROFGS BCAA, 64 डिब्बे सप्लिमेंट पाउडर ,7 बोरी देशी विदेशी कंपनियों के रैपर्स, के अलावा कैप्सूल भरने की मशीन ,खाली कैप्सूल और अलग अलग रंग के भरे हुए कैप्सूल बरामद किए थे।
अंदाजा लगाया जा सकता है कि 60 रुपये की लागत से तैयार नकली स्टेरॉय़ड 800 रुपये में बेचकर ये फैक्ट्री वाले कितना कमाते थे और फिर दुकानदार उसी स्टेरॉय़ड को 5-6 हजार रुपये में बेचा करता था.