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‘ स्वानुभूति’ कवि विपिन बी मिश्रा की नई रचना

कभी जाओ, मन की – अँधेरी ,तंग , सकरी गलियों में, रूबरू होंगे स्व जीवन-पथ से, पहले तो , पथ – अस्थिर , धुँधला व अस्पष्ट , नजर आएगा । पुनः – मिलने लगेंगे , जीवन के – कई सपाट, समतल, प्यारे रास्ते। आगे फिर , भागेगा मन , मिलेंगे कई चौराहे , जहाँ – […]

‘ सर्जक’ कवि विपिन बी मिश्रा की नई रचना

क्या उपहार दिए हैं तुमने , सिर पर रखे उन हाथो को – जिन हाथों ने चलना सिखलाया, कलम पकड़ लिखना सिखलाया , खाना सिखलाया,गाना सिखलाया आकर्षक और मजबूत बनाया । क्या कुछ दिया ,उन आँखों को, जो सोई नहीं थी रातों भर , इंतजार में बस तकती रहती , बेटा आएगा कब खेल- कूद […]

जीवन- पथ… कवि विपिन बी मिश्रा की नई रचना

जीवन- पथ नहीं मिला, जो तुमने चाहा , तो टूट जाओगे क्या? नहीं मिला , जो माँ से माँगा , तो रूठ जाओगे क्या ? उसने , शक्ति तुम्हें दी , लड़ने की, अडिग अटल हो , आगे बढ़ने की । पकड़ा दी है डोर , पूर्णतः हाथ तुम्हारे , खुद लड़ना संघर्षों से, बिना […]

तल्खियों के बीच रहना, चुपचाप सब सहना, कवि विपिन बी मिश्रा की नई रचना

तल्खियों के बीच रहना, चुपचाप सब सहना, नहीं कुछ कहना, अंदर ही डहना, केवल दब्बूपन की निशानी है, शालीनता तो बिल्कुल ही नहीं ll विपिन बी मिश्रा

आँसुओं से समस्याओं के ,समाधान नहीं होते. पढ़िए कवि विपिन मिश्रा की मार्मिक कविता

आँसुओं से समस्याओं के ,समाधान नहीं होते , नहीं तो फुटपाथ पर पड़े लोग ,महलो में सोते , गदगद हो जाती, खुशी से वह दुःखी माँ, जिसके बच्चों को दो जून के निवाले नहीं होते

कभी सीखा है सबब, किसी की खामोशियों से. कवि-विपिन बी मिश्रा

कभी सीखा है सबब, किसी की खामोशियों से , कभी नम हुई आँखे, किसी की बेबसियों से , वजह बने कभी,लाने की मुस्कान होठों पर, या सोये हो कभी , जाग कर रातों भर , कोशिश की है अगर , आपने कई कई बार अड़चनें आयीं बहुत , पर न माने आप हार तो मानव […]

हसरत

वो आदत पुरानी,गई ना गई वो चढ़ती जवानी,गईं ना गई लोग पता पूछते रहे घर का वो तबियत पुरानी गई ना गई। इश्क़ मिजाजी कम हो तो कैसे वो फुर्सत रवानी गई ना गई वो मिले हर वक़्त उनको कंही वो अवसर पुरानी,गई ना गई। महज पा लेना जहां,कम ही तो है वो हसरत पुरानी,गई […]

ठहर जाओ ना

सुनो, ठहर जाओ ना… कि पैर मेरे‌ जवाब दे रहे हैं। आखिर, क्यों नींद नहीं आ रही? कमबख्त, हम कैसे ख्वाब दे रहे हैं? वक्त भी खराब चल रहा है ,‌ आजकल! जरा देखो, नदी भी सैलाब दे रहे हैं। क्या जरूरी है, कि चलते रहे हम? क्यों खुद पर ही, इतना दबा दे रहे […]

मैं हूँ एक Questions

मैं हूं एक Question? विद्यार्थी के लिए है मान शिक्षक करते मेरा सम्मान क्योंकि मैं हूं एक Question? मुझसे डरता विद्यार्थी मेरी पूजा व भक्ति करता विद्यार्थी मेरा पर्व होता महान क्योंकि मैं दिलाता उसे सम्मान क्योंकि मैं हूं एक Question? मुझे ढूंढ़ तो होत ज्ञान मुझे समझे तो बने विज्ञान और मुझे खोज तो […]

अग्निपथ

अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !वृक्ष हों भले खड़े,हों घने, हों बड़े,एक पत्र छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ ! तू न थकेगा कभी!तू न थमेगा कभी!तू न मुड़ेगा कभी! कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ ! यह महान दृश्य हैचल रहा मनुष्य हैअश्रु-स्वेद-रक्त से […]

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