चुनाव से पहले कांग्रेस में वर्चस्व को लेकर खींचातान, पार्टी में गुटबाजी शुरु - The Media Houze

पंजाब में कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी है । लेकिन पार्टी के अंदर किसकी सत्ता है इस सवाल का जवाब किसी को नहीं पता ।पिछले कई दिनों से जारी पार्टी की आपसी खींचतान बयान बाज़ियों तक पहुंच चुकी है मगर इसका कोई हल नहीं निकल रहा था । पर अब ऐसा लग रहा है कि इस विवाद का कोई ना कोई हल निकल आएगा । आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली कूच करेंगे । और यहां वो 3 सदस्यों वाली कमेटी से मुलाकात करेंगे । सूत्रों के हवाले से खबर है कि आज इस विवाद का अंत होने की संभावना है । कमेटी कैप्टन अमरिंदर को विवाद सुलझाने के लिए मनाएगी । साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू के भविष्य को लेकर भी कोई फैसला हो सकता है । कैप्टन अमरिंदर राहुल गांधी और अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं । राहुल इस विवाद को सुलझाने के लिए मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं । यानी जब इतने सारे पतवार लगे हैं तो पंजाब कांग्रेस की नांव किनारे लग ही जाएगी । वैसे जिस कमेटी से सीएम अमरिंदर मुलाकात करेंगे ये वही कमेटी है जिसे पंजाब कांग्रेस में उठे विवाद को सुलझाने के लिए गठित किया गया है । अब तक कमेटी ने लगभग दोनों गुटों की बात सुनी है और ये नतीजा निकल रहा है कि
सीएम अमरिंदर अभी भी विधायकों की पहली पसंद हैं । जो कमेटी की रिपोर्ट में साबित हो चुका है ।
लेकिन पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं छोड़ सकती क्योंकि इससे आगामी चुनावों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है । यानी कांग्रेस के लिए पंजाब में कुआं और खाई वाला सवाल खड़ा हो गया है । हालांकि आज इस विवाद को एक दिशा या फिर इसका निपटारा होने का पूरा अनुमान है ।

वैसे कांग्रेस इस विवाद का निपटारा जल्द से जल्द कर ले तो ही अच्छा है क्योंकि उसकी इस देरी का फायदा कोई और ना उठा ले । पंजाब चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी ने रणनीति के साथ साथ कांग्रेस की घेराबंदी भी शुरू कर दी है । सोमवार को दिल्ली के सीएम और आप के संस्थापक अरविंद केजरीवाल पंजाब के एक दिन के दौरे पर थे । वहां उनकी मौजूदगी में पंजाब के पूर्व IG कुंवर विजय प्रताप सिंह आप में शामिल हो गए । इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने दिल्ली की उपलब्धियों को वहां गिनाया और पंजाब के लोगों से इतिहास बदलने की बात कही । दूसरी तरफ़ अकाली दल भी इन चुनावों के लिए एड़ी से चोटी तक का ज़ोर लगा रही है । क्योंकि पिछले चुनावों की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने अकाली दल से भी ज़्यादा सीटें जीती थीं । ऐसे में अकाली दल के लिए अपना अस्तित्व बचाने की बात है । इसके लिए वो बीजेपी तक से अलग हो चुकी है ।

ऐसे में कांग्रेस किसी भी हाल में इन पार्टियों से पिछड़ना नहीं चाहती । और इसी लिए वो कैप्टन बनाम सिद्धू नाम के इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है । ताकि चुनावों में वो मज़बूती के साथ उतर सके । वरना ऐसा ना हो कि उत्तर भारत में उसे इस इकलौते राज्य से भी हाथ धोना पड़ जाए ।