खतरे का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस जिसके बारे में देश दुनिया के तमाम वैज्ञानिकों के पास अभी तक ज़्यादा जानकारी नहीं है. अभी ये नहीं मालूम कि ये वायरस कितना खतरनाक हो सकता है. ऐसे में रूप बदलकर धीरे धीरे आगे बढ़ रहे इस वायरस ,से कैसे बचा जा सकता है. या फिर अब तक के डाटा के मुताबिक ये शरीर में किस तरह का खतरा पैदा कर सकता है.
ये जानने से पहले ज़रूरी है कि आप डेल्टा प्लस वेरिएंट के संभावित लक्षण जान लें. डेल्टा वेरिएंट में जैसे लक्षण देखे गए थे. हो सकता है उसके कुछ गंभीर या हल्के लक्षण डेल्टा प्लस वेरिएंट में भी दिखाई दें. जैसे
सूख खांसी, गले में खराश, बुखार आना, थकान महसूस होना, स्वाद या गंध न आना, शरीर में दर्द, त्वचा पर चकत्ते या रैशेज़ होना
जबकि गंभीर लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत होना, सीने में दर्द या दवाब महसूस होना, जैसे लक्षण हो सकते हैं. डेल्टा वेरिएंट में बदलाव के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट आया है. पक्के तौर पर इस वेरिएंट के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन मेडिकल साइटिंस्ट्स की अब तक की जानकारी के मुताबिक इसमें प्रोटीन स्पाइक में बदलाव देखा गया है जिसकी वजह से ये फेफड़ों पर तेज़ी से चिपक सकता है. वायरस के प्रोटीन स्पाइक में बदलाव की वजह से हो सकता है कि ये गले से फेफड़ों तक पहले से भी ज्यादा तेज़ी से पहुंचे. यानी थोड़े वक्त में ही ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा और इसी वजह से हो सकता है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट फेफड़ों के सेल्स को कई गुना ज्यादा तेज़ी से नुकसान पहुंचाए. जिसकी वजह से मरीज को गंभीर निमोनिया भी हो सकता है और साथ ही इसमें शरीर के अंगों में सूजन की समस्या भी आसकती है.
हालांकि डेल्टा के प्लस वेरिएंट पर शोध जारी है. जिसे नज़रअंदाज़ करना घातक हो सकता है ऐसे में ज़रूरी है कि लोग खतरे से निपटने की तैयारी शुरू कर दें. तीसरी लहर से बचने या उसे रोकने के लिए सवाधानी बरतना ज़रूरी है. मास्क पहनें, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, वैक्सीन ज़रूर लगवाएं. इससे वायरस के संक्रमण की आशंका कम हो सकती है. डेल्टा प्लस वेरिएंट से देश में जो पहली मौत हुई वो उज्जैन की एक महिला थी. जिसे वैक्सीन की एक भी डोज़ नहीं लगी थी. जबकि ठीक होने वाले ज्यादातर लोगों में वो लोग हैं जिन्हें कोरोना का टीका लग चुका था.
वायरस का ये वेरिएंट कितना खतरनाक होगा या कैसे संक्रमण फैलाएगा इसके बारे में स्पष्ट रूप से अभी कुछ नहीं कहा जा सकता इसलिए. वैक्सीनेशन और कोविड गाइडलाइन्स के मुताबिक चलेंगे तो डेल्टा प्लस और तीसरी लहर दोनों से बच सकेंगे.