संपत्ति के मालिक या उसके उत्तराधिकारी की मर्जी के बगैर किसी भी तरह की चल संपत्ति को उसके जगहे से हटाना चोरी, डकैती और लूट जैसा अपराध माना जाता है. जिसे लोग कभी चोरी तो कभी डकैती कह देते हैं लेकिन इसमें कानूनी रुप से काफी फर्क होता है, तो चलिए जानते हैं कि आखिर चोरी लूट और डकैती में क्या अंतर है
चोरी किसे कहते हैं
कहते हैं चोरी इंसानी सभ्यता का सबसे पुराना अपराध है. चोरी को भारतीय दंड संहिता यानि Indian Pinal Code में धारा 378 में परिभाषित करते हुए कहा गया है कि कोई भी शख्स किसी भी दूसरे इंसान के कब्जे की चल संपत्ति अगर उसके इजाजत के बिना अगर बेईमानी के नियत से हटाता है तो ये घटना चोरी कहलाएगी, तो इस तरह से चोरी की घटना में इन 4 बातों का होना जरुरी है. पहला संपत्ति चल संपत्ति हो ( IPC Sec 22 ), दूसरा संपत्ति किसी व्यक्ति या संस्था, राज्य या देश का हो, तीसरी शर्त है कि जो अचल संपत्ति का अधिकारी हो मतलब मालिक हो उसकी गैर मौजूदगी में हुआ हो और चौथा बेईमानी यानि गलत नियत ( IPC Sec 24 ) से संपत्ति को हटाया गया हो
चोरी की कानूनी सजा क्या है
अगर किसी शख्स पर चोरी साबित हो जाता है तो उस पर IPC की धारा 379 के तहत कोर्ट उसे सजा सुनाती है। धारा 379 के मुताबिक चोरी के लिए कम से कम तीन साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही लगाया जा सकता है। यह एक संज्ञेय अपराध है। चोरी को एक समझौतावादी अपराध माना जाता है। मतलब कि अगर केस करने वाला सुलह कर मामला खत्म करना चाहे तो मामला रफा-दफा हो सकता है। धारा 379 के मुताबिक चोरी एक गैर जमानती अपराध है। हालांकि इस मामले में जमानत के लिए अपराधी सत्र न्यायलय में आवेदन कर सकता है
डकैती किसी कहते हैं
डकैती भी चोरी की तरह ही चल संपत्ति के संबंधित है, यहां भी बिना मालिका या उत्तराधिकारी के इजाजत के बिना संपत्ति को बिना उसकी अनुमति और बेईमानी से उसके जगह से हटाना ही अपराध है लेकिन यहां एक बात जो सबसे अहम है, वो ये है कि तीनों चीजों के साथ ही लूट को होना अनिवार्य है, मतलब कि Indian Pinal Code में धारा 390 के अनुसार जबरन लूट साथ ही उसमें हिंसा का प्रयोग यानि मार पीटा गया हो, डराया – धमकाया गया हो, या इसकी कोशिश की गई हो तो ये लूट की घटना हो जाती है और जब लूट में एक से अधिक तत्व शामिल होते हैं तो फिर लूट की घटना डकैती बन जाती है
डकैती की कानूनी परिभाषा
Pinal Code में धारा 391 के मुताबिक डकैती वो घटना है जिसमें 5 या उससे अधिक लोग लूट या लूट के प्रयास में शामिल हो, तो वो डकैती कहलाएगी। इसमें शामिल सारे व्यक्ति या तो संयुक्त रूप से लूट करते हैं या लूट का प्रयास करते हैं या लूट में किसी ना किसी रुप से शामिल होते हैं , लूट में सहायता करते हैं, तो डकैती के लिए इन चार बातों का होना अनिवार्य है, पहला ये कि लूट में 5 या उससे अधिक लोग शामिल हों, दूसरा लूट संयुक्त रुप से सक्रीय होना चाहिए. तीसार लूट होना या लूट का प्रयास करना और आखिर में लूट में हिंसा या हिंसा की कोशिश की गई है, डराया धमकाया गया हो
डकैती की कानूनी सजा क्या है
Pinal Code में धारा 395 में डकैती के वारदात के लिए सजा का प्रावधान है, इसके लिए अपराधियों को आजीवन कारावास या 10 साल की जेल और आर्थिक दंड दिया जा सकता है