आपको जानकर हैरानी होगी कि जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन में आतंकी ड्रोन के टारगेट पर वायुसेना का हेलीकॉप्टर था. हालांकि आतंकी इसे टारगेट करने में नाकाम रहे. लेकिन ये जानकारी वाकई चौंकाने वाली है और ये बात भी कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने पहली बार ड्रोन से टेरर अटैक किया। पुलिस और IAF के साथ अन्य एजेंसियां भी मामले की जांच कर रही हैं। ऐसा पहली बार है, जब किसी आतंकी हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है रात करीब 1 बजकर 40 मिनट के आसपास पांच मिनट के अंदर ही दो ड्रोन से हमला हुआ। दूसरे ड्रोन से बम एयर फोर्स स्टेशन पर खड़े वायुसेना के हेलिकॉप्टर से कुछ दूरी पर ही गिरा। और इस हमले में स्टेशन के टेक्निकल एरिया की एक बिल्डिंग को मामूली नुकसान पहुंचा। दो वायुसैनिक भी घायल हुए। पहले ड्रोन का धमाका जम्मू एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल से 100 मीटर दूर हुआ । जबकि दूसरा धमाका भी Mi 17 हेलीकॉप्टर के हैंगर से कुछ मीटर की दूरी पर हुआ । सुरक्षा एजेंसियां इस बात से हैरान है कि एक ड्रोन पर 5 किलो TNT विस्फोटक लदा हुआ था । अगर ये विस्फोट हो जाता था तो एयरबेस को काफी बड़ा नुकसान हो सकता था । जम्मू पुलिस ने एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन अटैक को आतंकी हमला मानते हुए केस दर्ज किया है । आतंकी हमले के बाद से एयरफोर्स के उच्च अधिकारियों की टीम, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना और CPRF के अधिकारी इस हमले की जांच कर रहे हैं । इस हमले में 2 संदिग्ध गिरफ़्तार किए गए । बडी जानकारी ये भी सामने आई कि आतंकियों ने एयरफोर्स स्टेशन से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर रहकर ड्रोन अटैक किया । ड्रोन से विस्फोटक को एयरफोर्स स्टेशन के अंदर गिराया। हालांकि इस बात की भी जांच हो रही है कि कहीं एयरबेस पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल का सीमा पार से तो नहीं हुआ था? क्योंकि इस एयरफोर्स स्टेशन से पाकिस्तान की सीमा सिर्फ 14 किमी. ही है। हमले के कुछ ही देर बाद nia की टीम शुरुआती जांच के लिए एयरफोर्स स्टेशन पहुंच चुकी थी. सूत्र बताते हैं कि इस आतंकी हमले की जांच आगे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी कर सकती है। एयरफोर्स पर ड्रोन हमला कितना बड़ा है अंदाजा इस बात से लगाइए कि लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षामंत्री ने वाइस एयर चीफ एयर मार्शल मार्शल एच.एस.अरोड़ा से पूरे हालात की जानकारी ली । बांग्लादेश दौरे पर गए वायुसेना प्रमुख वहां से पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने बांग्लादेश से ही घायल वायुसैनिकों से बात की। जम्मू में आतंकी साज़िशों का ये अंत नहीं था। एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद दिन में खबर ये भी आई कि जम्मू पुलिस ने शहर में 5 किलो IED बरामद किया। ये विस्फोटक लश्कर के एक संदिग्ध से मिला। संदिग्ध इसे किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में प्लांट करने वाला था. पुलिस इस मामले में संदिग्ध आतंकी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। यहां समझने वाली बात क्या है वो आपको बताते हैं। ड्रोन अटैक का मतलब ये है कि आतंकी बहुत हाईटेक हो चुके हैं और उन्हें भारत में आसमानी साज़िशों के लिए पाकिस्तान की सेना का पूरा सहयोग मिल रहा है। इसलिए भारतीय वायुसेना को अब और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. दूसरी बात ये है, कि ज़मीन पर आतंकियों का एनकाउंटर ताबड़तोड़ हुआ है. और सीमा पर आतंकी घुसपैठ भी सफल नहीं हो पा रही है। इसीलिए आतंकवादी अब आसमानी साजिश रच रहे हैं और तीसरी बात ये भी है कि जम्मू-कश्मीर में अमन चैन से आतंकी संगठन और पाकिस्तान दोनों बेचैन हैं. साज़िशों की नापाक दाल नहीं गल पा रही है. इसीलिए हमलों के लिए के नये और हाईटेक तरीके आजमाए जा रहे हैं.