भारतीय रेलवे में ट्रैकमैन का काम करने वाले कर्मचारी अपने साथ हो रहे शोषण और अन्याय के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, देश भर से करीब 4 लाख कर्मचारी अपने अपने राज्यों से कूच कर दिल्ली पहुंचे और जंतरमंतर पर दिया, इन रेल स्टाव का कहना है कि ट्रैकमैन ट्रैक पर ही जीता है और ट्रैक पर ही मर जाता है, लेकिन ना तो हमारा कभी वेतन बढ़ता है और ना ही भी हमें प्रमोशन दिया जाता है, जबकि और सभी विभाग और कर्मियों का वेतन और पद समय समय पर बढ़ता है, कर्मियों का ये भी कहना है कि ट्रैकमैन के तौर पर काम करने वाले कई कर्मी हाईली क्वालिफाईड है, इनमें से कुछ तो IIT, इंजीनियर्स, तो कई मास्टर और ग्रेजुएट है. लेकिन फिर भी उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जाता. ट्रैकमैन कर्मियों का कहना है कि देश में इतनी मंहगाई बढ़ गई है, लेकिन उनका वेतन नहीं बढ़ रहा है, ऐसे में उन्हें लोगों से कर्ज और लोन तक लेना पड़ रहा है. 10-10 साल से नौकरी कर रहे कर्मियों के पैसे में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. रेल विभाग में ट्रैकमैन को रीढ़ की हड्डी कहा जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा उनका ही शौषण किया जाता है. एक ट्रैकमैन अकेला अपने कंधे पर 30 किलो से ज्यादा लोहे का उपकरण लेकर चलता है, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई हैलपर तक नहीं दिया जाता, यहां तक की जिस टैक पर वो काम कर रहे होते हैं, उस टैक पर कब कौन से ट्रेन गुजरेगी इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं दी जाती, जिसकी वजह से अकसर काम करने के दौरान रेलवे ट्रेक पर वो ट्रेन से कटकर मर जाते हैं. कहते हैं कि देश में जवानों से भी ज्यादा मरने वालों की संख्या है, देश के लिए काम करते करते इनकी मौत हो जाती है लेकिन फिर भी उनके ही विभाग में उनका कोई महत्व नहीं है. इन कर्मियों का ये भी कहना है कि विभाग की तरह से सभी कर्मियों और उनके परिवार को सरकारी सुविधा दी जाती है, लेकिन इनके साथ यहां भी भेदभाव होता है. इनके माता-पिता को इनकी जॉव से कोई सुविधा नहीं मिलती. जिसकी वजह से इलाज के नाम पर इनकी जेब पर भारी बोझ आ जाता है इस दौरान उनका प्रतिनिधित्व करने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी वहां पहुचें और उनके लिए हक की लड़ाई लड़ने की बात कही, आप नेता संजय सिंह ने कहा कि ट्रैकमैन अपनी जान पर खेल कर देश की सेवा कर रहे हैं, ट्रेन में यात्री सुरक्षित रहते हुए अपनी यात्रा करें इसके लिए वो रेलवे ट्रैक पर अपनी जान दे देते हैं, ऐसे कर्मियों को शहीद का दर्जा देना चाहिए. संजय सिंह ने ट्रैकमैन कर्मियों को संवोधित करते हुए कहा कि ट्रैकमैन भाईयों की संख्या पूर देश में लाखों में हैं, अगर ये सभी मिलकर एक साथ वोट नहीं देंने की बात करेंगे तो सरकार को इसके आगे झुकना पड़ेगा, संजय सिंह ने इसी बहाने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी ने देश की संम्पत्ति को बेच कर देश का नाम खराब किया है, जो बेटा घर की संपत्ति बढ़ाए उसे सपूत कहते हैं और जो बेचे उसे कपूत कहते हैं, इस तरह का भाषण देकर उन्होंने बीजेपी सरकार के चरित्र पर सवाल उठाया.