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देश में बढ़ता कोरोना का जाल, 5 राज्य में फैला संक्रमण, 23 मामले, तीसरी लहर के लिए ओमिक्रोन जिम्मेदार ? - The Media Houze

10 दिनों के अंदर कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन 5 राज्यों में पहुंच चुका है. जिस भी व्यक्ति में इस वायरस की पुष्टि हुई है. उसका इलाज जारी है. लेकिन चुनौती वो लोग हैं. जो जांच से बच गए हैं या जिन्हें नहीं मालूम कि वो ओमिक्रोन के साथ जी रहे हैं. इस वक्त ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा 10 केस महाराष्ट्र में हैं। कल मुंबई में दो लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण की पुष्टि हुई। 37 साल व्यक्ति जोहान्सबर्ग से मुंबई लौटा था, जबकि 36 साल की उसकी मित्र अमेरिका से लौटी थी। ओमिक्रॉन के 9 केस राजस्थान में मिले हैं। कर्नाटक में 2, जबकि गुजरात और दिल्ली में एक-एक व्यक्ति को संक्रमण हुआ है। इसके अलावा विदेश से मुंबई के पास कल्याण डोंबिवली पहुंचे 295 लोगों में से 109 की तलाश की जा रही है. इनमें से कुछ लोग घर पर नही हैं तो कुछ लोगों का फोन स्विच ऑफ है. चिंता की बात ये है कि इनमें से 71 लोग हाई रिस्क वाले देशों से आए हैं. कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर इंदौर में प्रशासन सतर्क हो गया है. यहां 1 नवंबर के बाद विदेश से लौटे यात्रियों को ट्रेस किया जा रहा है. इंदौर में विदेश से लौटे करीब 100 लोगों की मेडिकल रिपोर्ट नेगेटिव आई है. हालात को देखते हुए कल इम्युनाइजेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह यानी NTAGI की मीटिंग हुई। इसमें फैसला किया गया कि ZydusCadila की वैक्सीन ZyCoV-D को पहले वयस्कों पर शुरू किए जाने की सिफारिश की जाएगी। आईएमए ने सरकार से कहा है कि हेल्थ वर्कर्स को बूस्टर डोज उपलब्ध करवाया जाए। उसने कहा कि देश में 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को वैक्सीन की डबल डोज लगने के बाद गंभीर रूप से ओमिक्रॉन संक्रमण का खतरा कम है। आईएमए ने सार्वजनिक जगहों पर भीड़ भाड़ रोकने की सलाह दी है। आइएमए के मुताबिक यात्रा पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोविड प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों का वैक्सीनेशन भी जल्द शुरू होना चाहिए। तमाम परेशानियों और चुनौती के बावजूद देश में आज ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं. ऐसे हालात से निबटने के लिए राज्य सरकारें लोगों को जागरुक कर रही हैं. ताकि सभी को वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल किया जा सके. ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जानकारों का मानना है कि अगले साल फरवरी में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. हालांकि उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि तीसरी लहर दूसरी लहर से कमजोर होगी

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