करीब 7 महीने बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव होने की आहट के बाद से सभी राजनीतिक दलों का रणक्षेत्र इन दिनों उत्तर प्रदेश बन गया है. जहां हैदराबाद से AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के लिए जनाधार बनाने की कोशिश में जुट गए हैं वहीं यूपी में अपनी ज़मीन खो चुकी कांग्रेस भी नए सिरे से मैदान में डट गई है। कांग्रेस नए समीकरणों के साथ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. क्योंकि 2022 का यूपी चुनाव कांग्रेस के लिए 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पगडंडियां बनाने का काम कर सकता है। जिसकी तैयारी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भविष्य की रणनीतियां बनाना शुरू कर दिया है. जिस रणनीति का पहला हिस्सा है मंदिर जाकर बीजेपी के जनमत को प्रभावित करना. यूपी में कांग्रेस का गढ़ रहे रायबरेली के चूरूवा में मौजूद हनुमान मंदिर में रविवार को प्रियंका गांधी ने पूजा-अर्चना की. प्रियंका गांधी ने भगवान के सामने मत्था टेका और मंदिर के पुजारी से आशीर्वाद लिया. पहले भी प्रियंका गांधी इस मंदिर में कई बार मत्था टेककर रायबरेली दौरे की शुरुआत कर चुकी हैं. प्रियंका गांधी मंदिर में दर्शन के बहाने 2022 चुनाव में कांग्रेस को मजबूत बनाने की कोशिश में हैं. माना जा रहा है यूपी में कांग्रेस सिर्फ 100 सीटों पर फोकस कर रही है, ताकि दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन कर के सरकार बनाई जा सके. जिसके लिए महाराष्ट्र मॉडल को अपनाने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस यूपी में शिवसेना के साथ गठबंधन बना सकती है. शिवसेना ने पहले यूपी की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, बाद में 100 सीटों तक आ गई थी. 2017 के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटों पर जीत हुई थी, लेकिन इस बार कांग्रेस जीत का प्रतिशत बढ़ाना चाह रही है. जहां प्रियंका गांधी चुनाव से पहले मंदिर जा रही हैं वहीं यूपी में 100 सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवारों की तलाश भी कर रही हैं. इसके पीछे रणनीति साफ है- यदि कांग्रेस की 100 सीटों के आसपास आती है तो फिर उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी को कांग्रेस के बिना सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा ।