मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फिर एक बार कृषि कानूनों के विरोध में अपनी प्रतिक्रिया दी है.इन कानूनों का विरोध करते हुए उन्होंने अपने आलोचकों को निशाने पर लिया और कहा कि मेरे शुभचिंतक इंतजार करते हैं कि मैं कुछ बोलूं और पद से हटा दिया जाऊं. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं किसी के वोट से राज्यपाल नहीं बना था. सत्यपाल मलिक ने कहा कि कोई हादसा होता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है लेकिन किसानों की मौत पर कोई प्रस्ताव नहीं गया. संसद में भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया. इससे पहले भी मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानों का खुलकर समर्थन कर चुके हैं. मलिक ने कहा कि इतना लंबा आंदोलन देश में कभी भी नहीं चला है. सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए.