मेडिकल जर्नल द लैंसेट में भारत की वैक्सीन स्ट्रैटजी पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की एक रिपोर्ट को छापा गया है। मॉडल आधारित इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि भारत में अगर 18 वर्ष से अधिक उम्र की 75% आबादी को एक महीने में वैक्सीन की एक डोज़ लगा दी जाए, तो संक्रमण पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है। वहीं, गर्भवती महिलाओँ को वैक्सीन लगाने का रास्ता भी अब साफ हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने NTAGI की सिफारिश मान ली है। अब गर्भवती महिलाएं CoWIN पर रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं या नजदीक के कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर पर सीधे जाकर वैक्सीन लगवा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी स्टेज पर कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी कर दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमित गर्भवती महिलाएं घर पर ही ठीक हो जाती हैं.. लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एक गर्भवती महिला को कोविड-19 वैक्सीन लगवाना चाहिए।