कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देश की अर्थव्यवस्था और शिक्षा को काफी नुकसान हुआ । दुकानों के साथ साथ स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे । दूसरी लहर में मामले कम होने के बाद अब बाज़ारों को खेल दिया गया है. धीरे धीरे ही सही अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट भी रही है । लेकिन पढ़ाई लिखाई अभी भी कमरे की चार दीवारों में बंद है । कोरोना ने बच्चों को कंप्यूटर की स्क्रीन से शिक्षा लेने पर मजबूर कर दिया है । हालांकि अब दिल्ली सरकार अब स्कूल कॉलेज खोलने का विचार कर रही है और इसके लिए दिल्ली सरकार ने सभी अभिभावकों से स्कूल और कॉलेज खोलने को लेकर सुझाव मांगा है । दिल्ली सरकार के मुताबिक बच्चे, अभिभावक और टीचर्स Delhischools21@gmail.com पर सुझाव भेज सकते हैं । सभी लोगों को अपने सुझाव 100 शब्दों में लिख कर भेजने होंगे । हालांकि दिल्ली सरकार की इस पहल पर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है । दूसरी लहर के समय भी कई स्कूलों और कॉलेजों से बच्चों के संक्रमित होने की खबरें सामने आई थीं । अब भले ही स्थिति काबू में है लेकिन ये डर तो हर किसी को सता रहा है । आंकड़े भले ही दिल्ली पर कोरोना का खतरा ना दिखा रहे हों लेकिन केरल में जो हो रहा है उस पर भी दिल्ली को ध्यान देना चाहिए । केरल में बकरीद की खरीददारी के लिए जो छूट दी गई थी उसके बाद अचानक वहां मामले बढ़ने लगे हैं । जो दिल्ली के लिए निश्चित ही एक आइने की तरह है । अब सवाल ये उठता है कि अगर दिल्ली सरकार के पास स्कूलों को खोलने का सुझाव आता है तो क्या सभी बच्चों को बुलाया जाएगा । या फिर चरणबद्ध तरीके से बच्चे स्कूल आएंगे । जहां तक बच्चों की वैक्सीन का सवाल है तो उसका भी अभी केवल ट्रायल चल रहा है । कोरोना की तीसरी लहर को रोकना भी सरकारों के लिए बड़ी ज़िम्मेदारी है । फिलहाल दिल्ली में बसों और मेट्रो को सौ फीसदी संचालन करने का निर्देश दिया गया है । लेकिन बात अगर ज़िम्मेदारियों की की जाए तो दिल्ली में अब तक ना जाने कितने ही मार्केट कोरोना नियमों के उल्लंघन की सज़ा काट चुके हैं । ऐसे में स्कूलों और कॉलेजों में नियमों का पालन कितना होगा ये बड़ा सवाल है । क्योंकि अगर लापरवाही हुई तो इसका शिकार बच्चे होंगे ।