खाकी वार्दी में पुलिस को देखते ही कई लोगों के पसीने छूटने लगते हैं. हमारे देश में पुलिस वालों का खौफ इतना है कि रोते हुए बच्चों को डराने के लिए भी माएं कहती है कि चुप हो जा नहीं तो पुलिस पकड़ कर ले जाएं. फिल्मों ने और पुलिस विभाग के कुछ भ्रष्ट और रिश्वतखोर पुलिस ने पूरे पुलिस की छवि ही खराब कर दी है. आलम ये है कि आम लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठ गया है. लेकिन सच्चाई ये नहीं है कि हर पुलिसवाला भ्रष्ट ही हो. कई पुलिसवाले ऐसे भी हैं जिन्होंने इंसानियत को जिंदा रखा है. एक ऐसे ही पुलिसवाले हैं थान सिंह जी. जो दिल्ली के लाल किला स्टेशन में हैड कॉंस्टेबल के पद पर तैनात हैं. जो गरीब और मजदूर के बच्चों के बीच शिक्षा की जोत जला रहे हैं. मुफ्त में बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.लाल किले के पास ही एक मंदिर में छोटी सी जगह पर बच्चों को पढ़ाते हैं. बच्चे सही समय पर स्कूल पहुंचे, इसके लिए ई रिक्शा का भी इंतजाम कर रखा है. जो सभी बच्चों को निश्चित समय पर उनके घर से स्कूल ले आते हैं. स्कूल पहुंचते ही बच्चों की पढ़ाई शुुर हो जाती है. चूंकि जगह थोड़ी छोटी है. सो एक दो कमरे के अलावा बच्चों को चबूतरे पर भी पढ़ाया जाता है. छोटे बच्चों को स्कूल के कमरे में पढ़ाया जाता है. जहां टीवी स्क्रीन के माध्यम से भी पढ़ाया जाता है. थान सिंह जी के पास पुलिस की ड्यूटी होने की वजह से जिम्मेदारी बहुत होती है तो वो कई बार बच्चों को पढ़ाने के लिए ज्यादा समय नहीं दे पाते. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो,इसके लिए दो-तीन शिक्षकों को भी स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा है. जो हर रोज समय पर आती हैं और बच्चों के पढ़ाती है. थान सिंह खुद एक गरीब परिवार से आते हैं. जिन्होंने काफी दिक्कतों में रह कर पढ़ाई की और फिर पुलिस की नौकरी पाई. इस लिए थानसिंह का सपना है कि गरीबी की वजह से कोई बच्चा पढ़ाई में पीछे ना रह जाए. जुग्गीझोपड़ी में रहने वाले बच्चों के साथ एक और सबसे बड़ी समस्या ये है कि उन बस्तियों में ज्यादातर लोग पैसे की कमी की वजह से कई बार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं. शराब,कई तरह के नशे, चोरी, छीनछपट जैसे अपराध में शामिल हो जाते हैं. जिनका असर इन मासूम बच्चों पर काफी पड़ता है.इसकी चिंता बहुत रहती है. इस वजह से बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ उनके परिजनों को भी जागरुक करने के लिए उन बस्तियों में जाते रहते हैं और उन्हें समझाते रहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दें. गंदी संगती से बच्चों को बचाए।