तमिलनाडु के कुन्नूर में KN दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर वायुसेना का हेलीकॉप्टर MI-17 क्रैश हुआ तो किसी को भी इस बात का अंदेशा तक नहीं था कि इसमें देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी मौजूद हैं. जिस इलाके में हादसा हुआ, वो कट्टेरिया नाम से जाना जाता है. देश के पहले CDS जिनकी दहाड़ से दुश्मन कांप उठते थे. उनकी एक टेढ़ी नज़र से बड़े से बड़े सैन्य अभियान कामयाब हो गए. देश के वो जनरल जिनपर देश को नाज था. वो जनरल जो सैन्य बलों के दिलों पर राज़ करते रहे. लेकिन एक झटके में सबकुछ खत्म हो गया. हेलीकॉप्टर के मलबे में शवों की पहचान तक मुश्किल हो गई. जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोग इस हेलीकॉप्टर में सवार थे. हादसे का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में दोपहर के ढाई बज गए. दोपहर 2.45 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह साउथ ब्लॉक पहुंचे. माना जा रहा है कि यहां पर उन्होंने बेहद अहम बैठक की. दोपहर 3.30 बजे वायुसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे कुन्नूर के लिए रवाना हो गए. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह CDS के घर पहुंचे और घर के सदस्यों से मुलाकात की. शाम 6.05 बजे जनरल बिपिन रावत के निधन की पुष्टि की गई. तो पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. जनरल रावत समेत 13 मौत की खबर से देश स्तब्ध है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति यानी CCS को इस बारे में जानकारी दी गई. जानकारी के मुताबिक इस दौरान जनरल के निधन पर 2 मिनट का मौन रखा गया.