दिल्ली का हैदराबाद हाउस ऐतिहासिक मुलाकात का गवाह बना. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें ना सिर्फ सोशल मीडिया में वायरल हुईं. इन तस्वीरों ने सरहदों को पार कर कई मुल्कों को संदेश भी दिया. दुनिया बदल गई लेकिन भारत और रूस की दोस्ती नहीं बदली. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को एक बहुत बड़ी शक्ति बताया। उन्होंने आतंकवाद और संगठित अपराध पर साझा चिंता प्रकट की। पुतिन ने अफगानिस्तान में घटनाक्रमों को लेकर भी चिंता जताई। कहा कि भारत और रूस क्षेत्र के सामने पेश आ रही बड़ी चुनौतियों पर समन्वय जारी रखेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती का गर्मजोशी से जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया बदल गई लेकिन हमारी दोस्ती नहीं बदली. भारत और रूस के संबंधों में बदलाव नहीं हुआ है. अफगानिस्तान और कई वैश्विक मुद्दों पर हम संपर्क में रहे हैं. दुनिया के दो बड़े नेताओं की मुलाकात की अहिमयत आप इसी बात से समझ सकते हैं कि कल भारत और रूस के बीच 28 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इससे पहले भारत और रूस के बीच टू प्लस टू वार्ता हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूसी समकक्षों के साथ मुलाकात हुई. इस मुलाकात में अहम क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. पुतिन के 6 घंटे के भारत दौरे से दुनिया को बड़ा संदेश मिला है. इस बात पर सहमति बनी कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल ISIS, अल कायदा और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को पनाह, ट्रेनिंग और फंडिंग के लिए नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही आतंकी संगठनों के खिलाफ एक्शन, क्रॉस बॉर्डर टेररिज़्म से मिलकर लड़ने पर भी सहमति बनी. ऐसे में पाकिस्तान और उसे शह देने वाले चीन का परेशान होना स्वाभाविक है.