21वीं सदी में जब हिंदुस्तान बदल रहा है और सेना के साहस की पूरी दुनिया में चर्चा है तो इसका एक बड़ा श्रेय जनरल बिपिन रावत को जाता है। जनरल रहते हुए उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए जो ऐतिहासिक रहे। उसके बाद बतौर CDS उन्होंने सेना में बदलाव को लेकर कई अहम पहल किए। सेना को और आधुनिक बनाने के लिए दशकों से कई अहम बदलाव की मांग की जाती रही है। जनरल बिपिन रावत ने सेना की इन जरूरतों को समझते हुए कई अहम बदलाव किए। नए-नए तकनीकों को लागू करने से लेकर नए हथियारों को सेना में शामिल करने के लिए जनरल रावत ने लगातार प्रयास किया। बतौर CDS आर्मी के हथियारों को अपग्रेड करने के लिए स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप मॉडल पर बिपिन रावत की निगरानी में ही काम चल रहा था। इस मॉडल के तहत सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को विदेशी हथियार निर्माताओं के साथ मिलकर फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर, सबमरीन और टैंकों को साझा तौर पर बनाने की अनुमति दी थी। बिपिन रावत हमेशा कहते थे सेना को समय के लिहाज से आधुनिक करना बेहद जरूरी है। भारतीय सेना में पूरी तरह से महिलाओं को एंट्री दिलाने में बिपिन रावत की भूमिका अहम रही है। अभी तक सेना में महिलाएं तो थी लेकिन उनकी भूमिका सीमित थी। वो केवल कुछ पदों के ही चुनी जाती थी. साथ ही उन्हें स्थायी कमीशन नहीं मिलता था। वो 12वीं के बाद NDA की परीक्षा नहीं दे सकती थी। लेकिन अब ये सबकुछ बदल चुका है. महिलाओं को अब स्थायी कमीशन भी मिलेगा और वो अगले साल से NDA की परीक्षा बैठ भी सकती है। माना जाता है कि सेना में महिलाओं के आने को लेकर रास्ता बनाने के लिए बिपिन रावत ने काफी प्रयास किए थे। फैसलों को लेकर बेहद कठोर, दुश्मनों के लिए काल बिपिन रावत आर्मी प्रोजेक्ट्स में देरी को कतई बर्दाश्त नहीं करते थे। साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका रुख जीरो टॉलरेंस का था। सेना और देश उनके लिए सर्वोच्च था इसीलिए जब भी मौका मिलता था वो इसे बताना नहीं भूलते थे जनरल बिपिन रावत आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके लिए गए फैसले देश और सेना के लिए बेहद अहम रहे हैं और अगले कई दशकों तक छाप रहेगी।