अगर किसी भी शख्स के घर में गैस लिसेंडर फट जाता है तो गैस एजेंसी की तरफ से 40 लाख रुपय तक की बीमा राशि मिली है अगर हादसे में परिवार के किसी शख्स की मौत हो जाती है तो फिर 50 लाख तक की राशि बीमा कंपनी को देनी पड़ती है..बीमा की राशि दुर्घटना के आंकलन के बाद तय किया जाता है. गैस सिलैंडर फटने के बाद पीड़ित को किसी अलग से बीमा की जरुरत नहीं है, बल्कि गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता बीमा धारक बन जाता है. जानकारी के अभाव में लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं. हालांकि बीमा राशि पाने के लिए उपभोक्ता को तय किये गए शर्त पर खड़ा उतरना जरुरी है।
1) उपभोक्ता ने गैस कनेक्शन जिस पते पर लिया था, दुर्घटना उसी जगह होना चाहिए
2) दुर्घटना के समय रेगुलेटर और अन्य सामान संबंधित एजेंसी का ही इस्तेमाल हो रहा हो और वो ISI मार्का हो
दुर्घटना के बाद कैसे मिलेगा पैसा
गैस सिलेंडर फटने के बाद हादसे की जानकारी फैरन पुलिस और गैस एजेंसी को देनी होगी, जिसके बाद गैस एजेंसी संबंधित बीमा कंपनी को इसकी जानकारी देता है फिर बीमा कंपनी की तरफ से उसका कर्मचारी दुर्घटनास्थल पर पहुंच कर नुकसान का आंकलन कर बीमा कंपनी को रिपोर्ट भेजता है और उसके बाद बीमा कंपनी निर्धारित करती है कि नुकसान कितना हुआ है, अगर हादसे में किसी की मौत हो गई है तो फिर ऐसे स्थिति में कोर्ट मरने वाले की उम्र और नौकरी के हिसाब से मुआवजा तय करती है और फिर बीमा का पैसा मिलता है