अगर आपने कोई सामान खरीदा है या किसी भी तरह के सर्विस के लिए पैसे का भुगदान किया है तो आप सरकार के कानून की नजर में एक उपभोक्ता हैं और आप को मिले सामान या सेवा उस तरह से नहीं मिली है, जैसा बताया गया है और उससे आपको परेशानी हुई है तो आप उसका मुआवजा उपभोक्ता अदालत में जाकर ले सकते हैं
कंज्यूमर कोर्ट में दुकानदार, मैन्युफैक्चर्स , डीलर या फिर सर्विस प्रवाइडर के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
कौन दर्ज करा सकता है शिकायत?
1) पीड़ित कंज्यूमर
2) कोई फर्म, भले ही वो रजिस्टर्ड न हो
3) को-ऑपरेटिव सोसाइटी या लोगों का कोई भी समूह
4) राज्य या केंद्र सरकारें
5) कंज्यूमर की मौत हो जाने की स्थिति में उसके कानूनी वारिस
कैसे करें उपभोक्ता फोरम शिकायत ?
कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत करना काफी आसान है। यहां पर आप अपने वकील के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको लगता है कि आप अपना मामला खुद ही उपभोक्ता फोरम में लड़ना चाहते हैं तो यह भी संभव है, यहां खुद केस लड़ना भी काफी आसान है। आपको अपनी शिकायत के साथ दस्तावेज भी देने होंगे। यहां पर दस्तावेजों से मतलब सामान खरीदारी की रसीद, कैशमेमो, अग्रीमेंट्स वगैरहा जो भी आपके केस से संबंधित हो।
कंज्यूमर को अपनी शिकायत की 3 कॉपी जमा करानी होती हैं। इनमें एक कॉपी उपभोक्त फोरम में , दूसरा विरोधी पार्टी के लिए और तीसरा अपनी शिकायत के साथ पोस्टल ऑर्डर…या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से फीस भी जमा कराना होता है…फीस आपके दावे के हिसाब से तय होता है…फीस का डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेसिडेंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में देना होता है।
किस उपभोक्ता फोरम में दर्ज कराएं शिकायत?
उपभोक्त जब अपना दावा करने की रकम तय करता है, उसी हिसाब से यह भी तय होता है कि यह मामला किस उपभोक्त फोरम (Consumer Forum) में दायर किया जा सकता है। हर कंज्यूमर फोरम (Consumer Forum) में एक फाइलिंग काउंटर होता है, जहां सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक शिकायत दाखिल की जा सकती है। डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम (State Consumer Forum) अगर आपकी शिकायत का मामला 20 लाख रुपये तक की रकम का है, तो डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम के पास शिकायत करनी होती है। स्टेट कंज्यूमर फोरम (District Consumer Forum) अगर आपकी शिकायत का मामला 20 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये की रकम का है, तो स्टेट कंज्यूमर फोरम के पास शिकायत करनी होती है। नेशनल कंस्यूमर फोरम (National Consumer Forum) अगर आपकी शिकायत का मामला 1 करोड़ रुपये की रकम से ऊपर का है, तो नैशनल कंज्यूमर फोरम के पास शिकायत करनी होती है।
उपभोक्ता को दावे के हिसाब से देनी होती है फीस
1) एक लाख रुपये तक के मामले के लिए 100 रुपय
2) एक लाख से 5 लाख रुपये तक के मामले के लिए 200 रुपये
3) 0 लाख रुपये तक के मामले के लिए 400 रुपये
4) 20 लाख रुपये तक के मामले के लिए 500 रुपये
5) 50 लाख रुपये तक के मामले के लिए 2000 रुपये
6) एक करोड़ रुपये तक के मामले के लिए 4000 रुपये
ये है उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में ऑनलाइन शिकायत का तरीका
अगर उपभोक्ता (Consumer) किसी विक्रेता के खिलाफ उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में ऑनलाइन शिकायत (online complaint) दर्ज करवाना चाहते है तो उसको को नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट (National Consumer Helpline website) पर जाना होगा। यहां पर पहले ही पेज पर शिकायत रजिस्ट्रेशन टैब दिखेगा, जिसे क्लिक करना होगा। इसके बाद स्क्रीन पर दो विकल्प मिलेंगे। इस बेवसाइट पर जानें के लिए क्लिक करें :
National Consumer Helpline website
(1) शिकायत रजिस्टर करें (Register your Complaint)
(2) शिकायत का स्टेट देखें (View your complaint Status)
अगर उपभोक्ता नई शिकायत रजिस्टर करना चाहते है तो आप्शन 1 पर क्लिक करना होगा। यहां पर शिकायत रजिस्टर करने से पहले वेबसाइट पर उपभोक्ता को अकाउंट रजिस्टर करना होगा। रजिस्ट्रेशन टैब इन्हीं दोनों विकल्पों वाली स्क्रीन पर साथ ही में होता है।
शिकायत और पूरे तथ्य जमा करें इसमें आवेदक को अपनी शिकायत का पूरा ब्यौरा लिख कर देना होता है। जैसे उसके साथ क्या गलत हुआ, कितना नुकसान हुआ आदि और साथ में दर्ज की जाने वाली शिकायत की सच्चाई साबित हो सके उसके लिये सारे सबूत भी देने होंगे। -इसके खिलाफ शिकायत है उस कंपनी/ व्यक्ति का पूरा नाम, पता और फोन नंबर की जानकारी के साथ -सामान/ सर्विस खरीदा होता है, उसका पक्का बिल -सामान/ सर्विस के साथ मिली हुई वारंटी या गारंटी के कागज -विक्रेता के धोखा देने के कारण उपभोक्ता को हुए नुकसान का मूल्य -विक्रेता के तय की गई बात से मुकरने से उपभोक्ता को हुए मानसिक, शारीरिक, आर्थिक नुकसान की विस्तृत जानकारी (सबूतों के साथ) -उपभोक्ता फोरम के सभी नियम एवं शर्तों को स्वीकार करना -सारी जानकारी और सबूत तैयार हो जाने के बाद जमा करने पर उपभोक्ता को यह स्वीकारना होता है कि उसकी दर्ज की जाने वाली शिकायत शत प्रतिशत सही है। साथ में जमा किये गए सारे सबूत भी सही हैं।
उपभोक्ता (Consumer) को सारे सबूतों के साथ एक एफिडेविट (affidavit) भी देना पड़ता है, जो की उपभोक्ता की सच्चाई का प्रमाण माना जाता है