कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा डर बच्चों के प्रभावित होने को लेकर था। इसको देखते हुए सरकार की तरफ से तैयारिया भी शुरू हैं। लेकिन बीएमसी की तऱफ से बच्चो को लेकर किए गए सीरो सर्वे में पता चला है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चो मे एंटीबाड़ी बन चुकी है। बीएमसी ने ये सीरो सर्वे एक अप्रैल से 15 जून के बीच किया। इसमें बीएमसी के 24 वार्ड में से हर वार्ड़ से 100-100 सैंपल लिए गए। कुल 2176 सैंपल जमा किए गए। बाकी के सैंपल पब्लिक और प्राइवेट लैब से लिए गए। ये सर्वे नवजात शिशुओ से लेकर 18 साल के बच्चो पर किए गए है। उधर नासिक से बच्चो को लेकर चिंता पैदा करने वाली खबर भी सामने आई हैं। नासिक जिले में कोरोना से ठीक हुए 12 हजार बच्चों में से 10 बच्चो की मौत हो गई हैं। इन बच्चो की मौत एमआईएसपी यानि मल्टी ऑर्गन इंफ्लोमेट्री सिन्ड्रोम की वजह से हुई। इस बीमारी में बच्चो के कोरोना से ठीक होने के एक-दो महीने बाद सर्दी-जुकाम, बुखार, शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं। अगर वक्त पर ध्यान ना दिया जाए तो वो फिर किड़नी और हार्ट जैसे अंगों को नुकसान पहुंचता है।
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार और हेल्थ मशीनरी तो अपना काम कर ही रही है लेकिन जरूरत हमें भी सावधान रहने की है ताकि मासूमों की जान को खतरा ना हो।