इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल जिसे क्रिकेट का महाकुम्भ भी कहा जाता है। इस लीग के चर्चे आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में होते हैं। आज के समय में आईपीएल एक ऐसा टूर्नामेंट बन चूका है जिसमें दुनिया भर के क्रिकेटर हिस्सा लेने के लिए बेकरार रहते हैं।
आईपीएल की शुरुआत साल 2008 में हुई थी और उससे ठीक एक साल पहले भारतीय टीम ने टी20 विश्व कप में हिस्सा लिया था और एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने उस टूर्नामेंट को जीता भी था। ये वो दौर था जब भारत में टी20 फॉर्मेट काफी लोकप्रिय हो रहा था। इसकी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए आईपीएल(इंडियन प्रीमियर लीग) टूर्नामेंट के आयोजन की योजना बनाई गई। इस टूर्नामेंट का प्रारूप इंग्लिश प्रीमियर लीग और अमेरिका की नेशनल बास्केटबॉल लीग(एनबीए) की तरह रखा गया।
आईपीएल शुरू करने के पीछे का सारा दिमाग ललित मोदी का था जो आईपीएल के कमिश्नर बने। यह टूर्नामेंट साल 2008 में लॉन्च किया गया। साल 1963 में एक व्यापारी परिवार में जन्में ललित मोदी एक अमीर घर से ताल्लुकात रखते थे। अपनी परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, ललित मोदी ने भी बिजनेस की दुनिया में कदम रख दिया।
साल 1993 में इन्होंने मोदी मनोरंजन नेटवर्क (मेन) नामक कंपनी की शुरुआत की लेकिन ये कंपनी कुछ समय बाद बंद हो गई। कम्पनी के बंद होने के बाद ललित मोदी ने परिवार द्वारा चलाए जा रहे मोदी उद्यमों व्यापार की जिम्मेदारी उठा ली। साल 2002 में मोदी ने एक ऑनलाइन लॉटरी व्यवसाय की शुरुआत भी की थी।
कई तरह के व्यापार करने के बाद मोदी ने अपना रुख क्रिकेट की ओर किया और इन्होंने बीसीसीआई के सामने इंडियन क्रिकेट लीग लिमिटेड नामक लीग की शुरुआत करने का प्रस्ताव रख दिया लेकिन मोदी के इस सुझाव को बीसीसीआई द्वारा मंजूरी नहीं मिल पाई।
इसके बाद साल 1999 में ललित मोदी हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का हिस्सा बन गए लेकिन इस एसोसिएशन पर अपना अधिकार जमाने के लिए इन्हें इस एसोसिएश से निकाल दिया गया था। फिर बाद में इन्होंने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में अपनी जगह बना ली और इस एसोसिएशन के ये अध्यक्ष बन गए।
साल 2005 में इन्होंने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए, शरद पवार की मदद बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने में की, जिसके बाद इन्हें इस बीसीसीआई का उपाध्यक्ष बना दिया गया था।
बीसीसीआई का उपाध्यक्ष बनने के बाद इन्होंने साल 2008 में आईपीएल की शुरुआत की और ये लीग काफी कम समय के अंदर विश्व की सबसे महंगी लीग में से एक लीग बन गई।
वैसे, एक बड़ी पुरानी कहावत है, विनाश काले विपरीत बुद्धि, ऐसा ही ललित मोदी के साथ हुआ। साल 2010 में इन्हें आईपीएल और बीसीसीआई से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि ललित मोदी के ऊपर सट्टेबाजी और मनी लॉंडरिंग सहित 22 तरह के आरोप लगाए गए थे। आरोप लगने के बाद ललित मोदी भारत छोड़कर लंदन में अपनी पत्नी के परिवार के पास चले गए। ललित मोदी ने अपने बचाव में कहा था कि उन्हें एन श्रीनिवासन द्वारा बीसीसीआई से बाहर निकाले के लिए ये सब किया गया है और इनकी छवि खराब की गई है।
हालांकि, अभी ललित मोदी कहाँ हैं, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, ऐसा कहा जाता है कि वो इंग्लैंड में हैं। लेकिन अभी हाल ही में आईपीएल 2021 शुरू होने से पहले एक ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था ”आईपीएल इज बैक । यह लगातार मजबूत हो रहा है। ग्लोबल सक्सेस वाला एकमात्र, जो साल दर साल बढ़ रहा है। 2008 में मैंने जब इसकी शुरुआत की थी तो कहा था कि यह मंदी से मुक्त उत्पाद है। आज पीछे बैठकर लगता है कि इससे सटीक शब्द नहीं हो सकते थे।’’
ये ललित मोदी का ही दिमाग था जिन्होंने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली जैसे चेहरों के साथ आईपीएल लाने की बात कही थी। फरवरी 2008 में आईपीएल के लिए खिलाड़ियों के नीलामी की बात सामने आई, तो इस पर सवाल भी उठे थे लेकिन आज आईपीएल की सफलता के बाद इस पर कोई सवाल नहीं उठता है।