भौतिकता इस युग में लोग इतने भोगविलासी हो गए हैं कि उन्हें हर किसी से सिर्फ पैसे ही पैसा चाहिए, यहां तक की मां-बाप से भी उन्हें सिर्फ संपत्ति चाहिए होता है, ज्यादातर लोग इसके लिए अपने मां-बाप के साथ बहुत बुरा सलूक करते हैं, उन्हें मारते पीटते है, घर में सही ढ़ंग से उन्हें रहने नहीं देते, यहां तक कि कई जगहों पर बच्चे अपने मां-बाप को घर से भी निकाल देते हैं. बुजुर्ग माता पिता सड़क पर दर दर की ठोकरें खाते हैं, ऐसे मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं. जब बच्चे अपने पालनहार को घर से निकाल फेंकते हैं, जिसे लेकर अब कोर्ट से सख्त रुख अपनाया है और बुजुर्गों के हित की रक्षा करने के लिए नया कानून बनाया है ताकि अब कोई भी नालायक औलाद अपने माता पिता के साथ बुरा सलूक ना कर सके, तो आइए जानते हैं कि क्या कहता है नया कानून
क्या कहता है नया कानून
बच्चों के लिए अपने बुढ़े माता पिता की सेवा करना अब जरुरी होगा, ना सिर्फ धर्म में बल्कि अब हिन्दुस्तान के कानून में भी ये तय कर दिया गया है कि माता पिता की सेवा करना बच्चों का फर्ज है, सेवा के साथ उन्हे मान सम्मान और इज्जत भी देनी पड़ेगी, नहीं तो माता पिता की संपत्ति से बच्चों को बेदखल किया जा सकता है. इतना ही अगर बच्चों ने अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा नहीं की और उन्हें अपमानित किया तो उन्हें 3 महीने की जेल भी हो सकती है, साथ ही ऐसा करने वाले को 5 हजार रुपये का जुर्माना भी देना पड़ेगा, इतना ही नहीं जेल होने पर जमानत पर बाहर आना भी संभव नहीं होगा।
नए कानून ने ये प्रावधान किया है कि बच्चों को माता पिता की संपत्ति तभी मिलेगी जब उनके माता पिता उनके साथ रहें. अगर बच्चों ने संपत्ति अपने नाम होने के बाद माता पिता को घर से निकाला तो करार रद्द हो जाएगा .
देश के बड़े शहर हो या छोटे शहर, गांव हो या कसबा, कोई भी गली मोहल्लला या घर नहीं जहां बुजुर्ग किसी ना किसी ना किसी रुप से प्रताड़ित ना हो, ज्यादातर बच्चे माता पिता की सेवा करने से अपने हाथ पीछे खींचते हैं ।