बिहार सरकार अब अपने राज्य में जमीन सर्वे को लेकर काफी सख्त हो गई है. सरकार चाहती है कि हर हाल में राज्य की सभी जमीनों के बारे में सरकार के पास सभी तरह की जानकारी हो. जमीन का असल मालिक कौन है. किस जमीन पर किस का हक है. निजी जमीन और सरकारी जमीन की स्तिथि क्या है. इन तमाम पहलुओं को लेकर अब राजस्व एंव भूमि सुधार विभाग की तरफ से विशेष सर्वेक्षण सह बंदोबस्त अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब भूमि सर्वेक्षण कर्मियों को जमीन से संबंधित कागजात की जांच करेंगे और जमीन को लेकर रैयती किसानों से अपने अपने दस्तावेज दिखाने होंगे। जमीन के कागज नहीं दिखाने पर इसे सर्वे के दौरान गड़बड़ी माना जा सकता है।
जमीन सर्वे में क्या क्या दिखाना पड़ सकता है?
जमीन के मालिक को वंशावली दिखानी पड़ेगी.
रैयत को खतियानी जमीन से संबंधित प्रमाण पत्र दिखाना पड़ेगा
खुद का भी घोषणापत्र देनी पड़ सकती है
सरकारी कर्मचारियों के सर्वे के दौरान की गई जांच में जरा सी लापरवाही भविष्य में मुसीबत बन सकती है। इसलिए सरकार लोगों को जागरुक कर रही है कि सर्वे में मालिकाना हक हासिल करने के लिए जमीन से जुड़ी जो भी कागजात की जरुरत पड़ेगी उसे पहले से ही तैयार कर लें। अगर जमीन से जुड़े मामले में कहीं भी कुछ भी सही नहीं है, कुछ गलत है तो उसे अंचल कार्यालय और राजस्व कर्मचारी के पास जाकर उसमें सुधार करा लें।