एक तरफ सरकार शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए अडिग है तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे बेमतलब की कवायद बता रहा है. अवैध शराब पीने से हाल में कई लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां इसे सख्ती से लागू करने को लेकर समीक्षा बैठक की और कड़ाई बरतने के निर्देश दिए थे. वहीं, विपक्ष का तर्क है कि शराबबंदी के बाद भी जब शराब की अवैध बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है तो फिर शराबबंदी का फायदा क्या है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने तो शराबबंदी को सीएम नीतीश कुमार की जिद ठहरा दिया है. साथ ही नीतीश कुमार पर बिहार को बर्बाद करने का आरोप लगाया है.
दरअसल नवंबर के पहले हफ्ते में जहरीली शराब से बिहार में करीब 40 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद से ही शराबबंदी को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. विपक्ष लगातार शराबबंदी को लेकर सरकार पर हमला कर रहा है. विपक्ष के हमले के बीच सत्तापक्ष ने लालू के बयान को गैर जिम्मेदार ठहराया है. सत्तापक्ष का कहना है कि शराबबंदी के फैसले के वक्त लालू भी साथ थे तो अभी विरोध का क्या मतलब.
लालू यादव से मिलने के बाद अखिलेश सिंह बाहर निकले राज सभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा लालू यादव से मुलाकात कर उनकी तबीयत के बारे में जानने आ गया था, वही अखिलेश सिंह ने कहा लालू यादव की आज पेशी होनी है और वह कोर्ट गए. बिहार में शराबबंदी मामले को लेकर अखिलेश सिंह ने बड़ा बयान दिया कहा कि बिहार में शराबबंदी को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि शराबबंदी रहते हुए भी बिहार में शराब मिल रहा है इसलिए इस शराबबंदी का कोई फायदा नहीं इस से अच्छा है कि बिहार में शराब बंदी खत्म हो. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू प्रसाद पर किया पलटवार। लालू प्रसाद किसी सामाजिक काम के लिए दिल्ली से पटना नहीं आये। लालू प्रसाद सरकारी खजाना लूटने के मामले में पेशी के लिए पटना आये। शराबबंदी खत्म करने की वकालत कर राजनीतिक पाखंड को दिखाया। अगर लालू प्रसाद में नैतिक ताकत होती, तो झारखंड में शराबबंदी की पहल करते।
माधव आनंद ने शराबबंदी के मामले पर कहा कि विपक्ष के मंसूबे कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे विपक्ष जनता के नब्ज़ को नहीं पकड़ पाई है शराबबंदी को हम और कड़े तरीके से लागू करेंगे और बिहार में पूर्ण तरीके से शराबबंदी होगी