महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते रफ्तार को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू नाकाम साबित हो रही है, जिसे लेकर अब महाराष्ट्र सरकार सख्त लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगा दी है. 22 मार्च की रात 8 बजे से 1 मई सुबह 7 बजे तक राज्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति होगी, हालांकि राज्य सरकार ने इसे संपूर्ण लॉकडाउन का नाम ना दे कर ‘ब्रेक द चेन’ मुहिम के नाम से नई गाइडलाइंस भी जारी की है, जो कि पिछले साल की तरह लगने वाले लॉकडाउन की तरह ही सख्त हैं।महाराष्ट्र सरकार ने 1 मई तक राज्य में इमरजेंसी सेवा और हालात को छोड़कर सभी तरह की सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है।
सभी सरकारी दफ्तरों में केवल 15 फीसदी कर्मचारियों को जाने की इजाजत दी गई है, वो भी उन दफ्तर के कर्मचारियों को जाने की इजाजत मिली है जो जरुरी सेवाओं से जुड़े हे हैं।
प्राइवेट बस और ट्रांसपोर्ट सेवा जो कि इमर्जेंसी या जरुरी सेवा में लगे हुए हैं उन्हें ही सड़क पर चलने की इजाजत दी गई है, जिसमें कि क्षमता से 50 फीसदी लोग होंगे, लेकिन कोई खड़ा होकर यात्रा नहीं करेगा। बसें एक शहर में सिर्फ दो जगह पर ही रुकेंगी, बसों से उतरने के बाद यात्रियों के हाथों पर मुहर लगाया जाएगा और कम से कम 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहना होगा। ये ट्रांसपोर्ट सेवा राज्य के एक जिले से दूसरे जिले में नहीं जाएंगे। एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सिर्फ जरुरी और मेडिकल इमर्जेंसी के हालत में इजाजत दी गई है. इन नियमों के उल्लंघन करने वाला पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।