चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में विकासनगर मोहल्ले में हो रहे भुस्खलन का क्षेत्र लगातार बढ़ता ही जा रहा है।अगर समय रहते भुस्खलन ज़ोन का ट्रीटमेंट नही किया गया तो गोपेश्वर नगर का एक बड़ा हिस्सा भी भूस्खलन की जद में आ सकता है।भूस्खलन से गोपेश्वर नगर की एक बड़ी आबादी को खतरा बना हुआ है।नगरवासियों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द शासन प्रशासन भुस्खलन ज़ोन के ट्रीटमेंट को लेकर कार्यवाही नही करता है, तो नगर क्षेत्र के लोग धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।प्रभावितो का कहना है कि अगर फिर भी शासन-प्रशासन नहीं जागा तो नगरवासी भुस्खलन के मुहाने पर भूख हड़ताल शुरू कर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर कर वाहनो की आवाजाही भी बंद करेंगे।
भूस्खलन से प्रभावित विकासनगर मोहल्ले के लोगो की सुध लेने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी ने भी मौके पर पहुंचकर भूस्खलन जोन का निरक्षण कर प्रभावित लोगों का हाल-चाल जाना। राजेंद्र भंडारी ने शासन और प्रशासन से तत्काल भुस्खलन ज़ोन का स्थायी ट्रीटमेंट करने की मांग उठाई है।साथ भी भण्डारी ने प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि कल इसी सम्बन्ध में वह डीएम से भी मुलाकात करेंगे।पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी का कहना है कि अगर सरकार गोपेश्वर शहर को बचाने के लिए जल्द ही कोई ठोस उपाय नहीं करती है, तो वह स्वयं पूरे गोपेश्वर शहर के लोगो के साथ सड़कों पर उतर जाएंगे,जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा बरसात के मौसम में लोग अपने घरों में सो नहीं पा रहे हैं और सरकार को इनकी सुध लेनी चाहिए। और जल्द ही गोपेश्वर शहर को बचाने के लिए भूस्खलन जॉन का स्थायी ट्रीटमेंट करना चाहिए।
मामले पर चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि फिलहाल ₹20 लाख रुपये की धनराशि ज़िला योजना और आपदा मद से पिछले वर्ष ही भुस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए पीडब्ल्यूडी को दे दी गई थी।और पीडब्ल्यूडी के द्वारा भूस्खलन क्षेत्र में वायर क्रेट का कार्य किया जा रहा है।लेकिन नगर वासियों का कहना है कि भूस्खलन का जो क्षेत्र है वह करीबन 500 मीटर मैं फैला हुआ है। जिसके ट्रीटमेंट के लिए करोड़ो रूपये की धनराशि की।आवश्यकता है।सिंचाई विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था,उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। नगर वासियों का कहना है कि भूस्खलन का जो एरिया है वह करीबन 500 मीटर मैं फैला हुआ है इसके ट्रीटमेंट के लिए लगभग 4 से 5 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। लेकिन शासन ,प्रशासन व जनप्रतिनिधि भू धंसाव को ले रहे हैं हल्के में, डीएम चमोली स्वाती एस भदौरिया के पास कई बार जा चुके हैं प्रभावित, लेकिन आपदा मद से केवल ₹20लाख देकर जिला प्रशासन ने झाड़ लिया पल्ला, अगर शासन प्रशासन ने जल्द इसका निराकरण नहीं किया तो जनता करेगी आंदोलन।