पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर ये संदेश दे दिया है कि बीजेपी से राजनीतिक मतभेद को वो किसी भी हद तक ले जाने को तैयार हैं. लगता है नंदीग्राम में हुई हार को ममता बनर्जी ना तो भूल नहीं पाई हैं और ना ही वो नंदीग्राम से बीजेपी विधायक शुवेंदु अधिकारी का सामना कर पा रही हैं. शायद यही वजह है कि यास तूफान को लेकर शुक्रवार को बंगाल के कलईकुंडा बेस पर प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में ममता बनर्जी 30 मिनट देरी से पहुंचीं. इतना ही नहीं, ममता ने यास तूफान से हुए नुकसान के आकलन की रिपोर्ट सौंपी और बैठक से निकल गईं. लेकिन ममता बनर्जी बैठक में अकेली नहीं थीं. राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय भी ममता के साथ थे. बंगाल के अधिकारियों की ओर से इस अहम बैठक में प्रेजेंटेशन तक नहीं दिया. बीजेपी नेता दिलीप घोष ने ममता की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.
ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यास तूफान से बंगाल का जितना नुकसान हुआ है. हो सकता है उन्हें ना मिले. ममता बनर्जी ने कहा कि 20 हजार करोड़ की बात हमने की है। हो सकता है हमें नहीं मिलें l हम प्रधानमंत्री को यही कह कर आए हैं कि आप हमसे मिलना चाहते थे इसलिए मैं उतनी दूर से आई हूं और आप से मिलकर काग़ज़ मैं और मेरे चीफ सेक्रेटरी दे रहे हैं, मुझे दीघा जाना होगा, इसलिए हम आपकी अनुमति लेकर जा रहे हैं।
ममता बनर्जी के इस रवैये पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और गृह मंत्री अमित शाह तक ने गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यास तूफ़ान से प्रभावितों लोगों की मदद करना समय की मांग है। दुख की बात है दीदी ने अहंकार को जनकल्याण से ऊपर रखा है. लेकिन विवाद यहीं पर नहीं थमा. केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार ने दिल्ली तलब किया है. अलपन बंदोपाध्याय से कहा गया है कि वो 31 मई को सुबह 10 बजे पेश हों. दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में अलपन बंदोपाध्याय का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. चार दिन पहले ही ममता बनर्जी ने उनका कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाया था.
ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले अलपन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार के बीच खींचतान बढ़ गई है. इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के बहनों-भाइयों के साथ खड़ी है. यास तूफ़ान से हुए नुकसान के लिये हरसंभव मदद दी जाएगी. मैं आपके सर्वोत्तम की कामना करता हूं।
पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच रस्साकशी जारी है। यास तूफान का असर अब बंगाल में खत्म हो चुका है. लेकिन बंगाल से एक नया सियासी तूफान उठा चुका है. जिसका असर दिल्ली तक में दिखने वाला है. बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाए जाने को ममता बनर्जी यूं ही नहीं जाने देंगी. मतलब ये कि विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है.