पिछले एक साल से अधिक समय से जूझ रहे देश में कोरोना का कोहराम मचा हुआ है. फ्रंट लाइन वर्कर्स, डॉक्टर इस जंग में मरीजों के लिए भगवान का रूप बनकर सामने आए हैं. हालांकि इस कोरोना काल में मरीजों की जान बचाते-बचाते खुद कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं. अब तक कोरोना की चपेट में आने से 1 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और पद्मश्री डॉ. के के अग्रवाल तक को अपनी चपेट में ले लिया और इससे उसकी मौत हो गई. कोरोना ने ना सिर्फ डॉ केके अग्रवाल बल्कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक कोरोना की इस दूसरी लहर में अब तक 244 डॉक्टर्स ने अपनी जान गवां दी है. बिहार वो राज्य है जहां सबसे ज्यादा 66 डॉक्टर्स की मौत दर्ज हुई है. उत्तर प्रदेश में 37 और दिल्ली में 27 डॉक्टर्स कोरोना की इस जंग में हार गए हैं. वहीं, बीते साल कोरोना के चलते 736 डॉक्टर्स ने अपनी जान गवांई थी. जिसके बाद अब तक 1 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स कोरोना से जंग हार चुके हैं. कोरोना महामारी की इस लहर में करीब 30 साल से 55 साल तक के डॉक्टरों की जान ज्यादा गई है. हालांकि इसमें बुजुर्ग डॉक्टर भी शामिल हैं लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल युवा डॉक्टरों की जान ज्यादा गई है. जो बेहद चिंताजनक है.