गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत और फायरब्रांड हिंदू संत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की कोशिश की गई है. हत्या करने आए दो संदिग्ध युवकों को उनके सेवादारों ने पकड़ लिया. इनके कब्जे से तीन सर्जिकल ब्लेड और आपत्तिजनक दवाएं मिली हैं. आरोपी खुद को हिंदू बता कर मंदिर में दाखिल हुए थे. एक व्यक्ति ने अपना नाम डॉ. विपुल विजय वर्गीय और दूसरे ने काशी गुप्ता रजिस्टर्ड कराया. पकड़े गए दोनों आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो दोनों मुस्लिम निकले, आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने कुछ दिन पहले थाने के बाहर एक वीडियो जारी किया था. जिसमें उन्होने नरसिंहानंद सरस्वती के खूब आग उगले थे उन्होने कहा कि भारत में शरीया कानून होता तो पुजारी की गर्दन और जुबान काट दी जाती. भारत में शरीया कानून नहीं है, इसलिए पुजारी को देश के कानून के हिसाब से सजा दी जाए.
इससे पहले महंत की हत्या के साजिश के आरोप में दिल्ली पुलिस ने कश्मीर से आए एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक आरोपी को पाकिस्तान में बैठे जैश ए मोहम्मद के एक आतंकी से नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट मिला था. एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर नरसिंहानंद पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं.