Post author By The Media Houze Location New Delhi No Comments on तल्खियों के बीच रहना, चुपचाप सब सहना, कवि विपिन बी मिश्रा की नई रचना तल्खियों के बीच रहना, चुपचाप सब सहना, नहीं कुछ कहना, अंदर ही डहना, केवल दब्बूपन की निशानी है, शालीनता तो बिल्कुल ही नहीं ll विपिन बी मिश्रा Location New Delhi Tags दिल्ली, कवि, कविता, विपिन बी मिश्रा ← आँसुओं से समस्याओं के ,समाधान नहीं होते. पढ़िए कवि विपिन मिश्रा की मार्मिक कविता → जीवन- पथ… कवि विपिन बी मिश्रा की नई रचना