विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने को लेकर राजनीति, ममता को छोड़ शिवसेना और एनसीपी राहुल गांधी की वकालत क्यों कर रहे हैं - The Media Houze

बीजेपी के खिलाफ पूरे देश में राजनीतिक पार्टियां गोलबंद हो रही है, लेकिन विपक्ष के लीडर को लेकर देश के अलग अलग राज्यों से दावेदारी होती रही है, लेकिन इन सबके बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है, जो ममता बनर्जी की उन उम्मीदों के लिए झटका जरूर मिला है, जिसमें वो कांग्रेस के बिना विपक्ष की बात करती दिखीं. लेकिन एक हफ्ते के अंदर शिवसेना ने ममता के सपने पर पानी फेर दिया हैं, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बिना कोई गठबंधन संभव नहीं है और राहुल को विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए। जो बातचीत हुई है, राजनीतिक है, संदेश यही है. इसको लेकर राहुल जी से कहा है – आपको आकर लीड लेना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए. अगर कोई FRONT बनाता है, तो कांग्रेस अगल फ्रंट बनाएगी, दो दो तीन तीन फ्रंट क्या करेगी.

शिवसेना सांसद संजय राउत का ये बयान सीधे सीधे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को जवाब है. हाल ही में ममता बनर्जी मुंबई पहुंचीं और एक के बाद एक कर कई नेताओं से मिलीं. उस दिन ममता बनर्जी ने UPA और राहुल गांधी पर किस तरह से सवाल उठाए थे. ममता बनर्जी मुंबई में राहुल गांधी का नाम लिए बिना जब उनपर ताने मार रही थीं. शरद पवार मौन थे. कांग्रेस विरोध में एक शब्द तक नहीं कहा. पवार ने ममता की मौजूदगी में जो बात मुंबई में नहीं कही. शाम पवार के खासमखास नवाब मलिक ने पूरी कर दी. उन्होंने कहा कि देश के सामने गैरभाजपा पार्टी एक विकल्प बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. जो पार्टी बीजेपी का खिलाफ है वो सभी लोग एकजुट होकर कांग्रेस सहित एक वैक्लिप मोर्चा बनाया जायेगा.

दरअसल, ये लड़ाई राहुल गांधी को लेकर नहीं है. विपक्षी दलों की आपसी लड़ाई नेतृत्व को लेकर है. कि कौन 2024 में विपक्ष का अगुवा बनेगा. ऐसे में ममता की चाल को शिवसेना का जवाब मिलना ही था. आखिर शिवसेना खुद को TMC से कम क्यों समझे