मखाना को ‘बिहार मखाना’ के नाम से जीआई टैग दिलाए जाने पर मिथिला क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है। इलाके के जनप्रतिनिधि बिहार मखाना नाम का विरोध करते हुए ‘मिथिला मखाना’ नाम से जीआई टैग दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा के विधान पार्षद अर्जुन सहनी ने अपनी ही सरकार और पार्टी के कृषि मंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने विधान परिषद में उनके सवाल के जवाब में ऑन रिकॉर्ड बयान दिया था कि मखाना को जीआई टैग मिथिला मखाना के नाम से ही दिलाया जाएगा। लेकिन सरकार अब इसके उलट मखाना को बिहार मखाना के नाम से जीआई दिलाने जा रही है।
विधान पार्षद ने कहा कि मखाना मिथिला की पहचान है और इससे मिथिला की मल्लाह जाति के लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि 28 जुलाई 2021 को बिहार विधान परिषद में उन्होंने एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर कृषि मंत्री से सवाल किया था कि मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जीआई तक मिलेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने उस समय सवाल का जवाब देते हुए सदन में ऑन रिकॉर्ड कहा था कि मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जीआई टैग मिलेगा और सरकार ने इसको लेकर संबंधित संस्था को प्रस्ताव भी भेज दिया है।
वही विधान पार्षद अर्जुन सहनी ने इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टी से मिथिला मखाना के समर्थन में आने की अपील की है।अर्जुन सहनी ने बीते दिनों सूबे के मंत्री संजय झा के द्वारा शोशल साइट पर मिथिला के नाम से GI टैग के लिए बिहार सरकार के प्रयास वाले बयान का समर्थन किया है।उन्होंने कहा कि संजय झा मिथला का बेटा है उनको गरीब गुर्बो,पिछड़ा अतिपिछड़ा के रोजगार की चिंता है।सिल्क जैसे भागलपुर के नाम से जाना जाता है।वैसे ही मखाना भी मिथिला के नाम से हो।
अगर GI टैग मिथिला के नाम से नहीं होता है,तो यह मिथिला के लोगो की ऊपेक्षा होगी। बता दे की
बीते दिनों मंत्री संजय झा ने शोशल साइट के जरिए कहा,की मखाना कृषि उत्पाद नहीं,मिथिला की पहचान है।मिथिला के नाम से GI टैग को लेकर बिहार सरकार प्रयास कर रही है।
एमएलसी अर्जुन सहनी ने सवाल उठाया कि अगर मिथिला मखाना के नाम से जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी तो फिर अब ऐसी खबर क्यों आ रही है कि मखाना को बिहार मखाना के नाम से जीआई टैग दिया जा रहा है। अर्जुन सहनी ने कहा कि इससे यह संदेश जा रहा है कि सरकार मिथिला के लोगों की उपेक्षा कर रही है।