फिर आया किसान राजनीति का 'जिन्न', किसान संगठनों के भारत बंद को विपक्ष का समर्थन, 26 मई को किसान करेंगे देशव्यापी आंदोलन - The Media Houze

6 महीने से चल रहा किसान आंदोलन एक बार फिर से सुर्खियों में है. कोरोना की वजह से किसान आंदोलन फिंकी पड़ गई थी, जिसे फिर से सुर दिया जा रहा है और इस बार किसान आंदोलन का विपक्ष खुल कर समर्थन कर रहे हैं. 2 दिन बाद किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने जा रहे है। कोरोना संकट के बीच किसान मोर्चा देश भर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है जिसका विपक्षी दलों ने समर्थन किया है। विपक्ष ने लिखा है कि हम संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को देशव्यापी विरोध दिवस मनाने का समर्थन करते हैं, जो कि शांतिपूर्ण किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने के अवसर पर बुलाया गया है। इस बयान में उस पत्र का भी जिक्र है जो 12 मई को लिखा गया था। किसान संगठनों को दिए गए समर्थन पत्र में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने हस्ताक्षर किए हैं.

विपक्ष ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। साथ ही केंद्र को किसानों से फिर से बातचीत करने की अपील की है। लेकिन किसानों के समर्थन को लेकर कांग्रेस में कन्फ्यूज़ है. एक तरफ सोनिया गांधी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रही हैं वहीं पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह किसान संगठनों को आंदोलन से हटने की अपील किया। और किसानों को संक्रमण के सुपर-स्प्रेडर न बनने की सलाह दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय किसान संघ से अपने प्रस्तावित धरने को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की है। जो संक्रमण के सुपर-स्प्रेडर में बदल सकता है। उन्होंने किसानों के समूह से गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई न करने का आग्रह किया है। उधर, किसान संगठनों ने देश भर के लोगों से 26 मई को घरों, गाड़ियों और दुकानों पर काले झंडे लगाने की अपील की है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या अभी जब बड़ी मुश्किल से देश में कोरोना के मामले थोड़े से घटने शुरू हुए है ऐसे में क्या ऐसे धरना-प्रदर्शन कोरोना को बढ़ाएगा नहीं और विपक्ष जानबूझकर देश के फिर से कोरोना के तीसरी लहर को ओर नहीं धकेल रहा है।