चुनाव में मिली नाकामयाबी के 8 महीने बाद अब जाकर बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हुई है. इसके संकेत बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने दिए और अब बिहार कांग्रेस के दिग्गज भी इशारा कर रहे हैं कि संगठन में बदलाव होंगे. कांग्रेस नेता हरखू झा ने कहा है कि हमारे विधायक एकजुट हैं लेकिन संगठन में फेरबदल की जरूरत है। लोकसभा विधानसभा चुनाव में हुई गड़बड़ी को बिहार के कांग्रेसी भूल नही पाए हैं। प्रभारी ने बिहार भ्रमण कर खुद स्थितीयों का आंकलन किया है। पार्टी की बेहतरी के लिए संगठन में बदलाव जरूरी है। दरअसल कांग्रेस के बिहार प्रभारी के निर्देश पर पार्टी के सीनियर लीडर और सभी विधायक दिल्ली में आलाकमान के सामने हाजिरी लगाएंगे. इस दौरान विधायकों की एकजुटता दिखाने के अलावा संगठन में भारी फेरबदल की कवायद को अंजाम देने की भी तैयारी है. बिहार में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर कुमार सिंह ने कहा है कि जो कमी बीते विधानसभा लोकसभा चुनाव में ऊजागर हुई उसे दूर करना है। आनेवाले समय मे संगठन को लेकर आलाकमान कोई ठोस फैसला करेगा। अच्छे चेहरे के साथ कांग्रेस पार्टी बिहार में उभरेगी ये उम्मीद है।
दरअसल वर्तमान अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में प्रभारी भक्त चरण दास चाहते हैं कि वो अपने मन मिजाज वाले नेता को आगे लाएं. हालांकि कांग्रेस के कई दिग्गज हैं जो बदलाव को समाधान नहीं मानते. वो रणनीति में बदलाव की वकालत करते हैं. तो वहीं बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादिरी ने भीकहा कि संगठन में बदलाव से ज्यादा पार्टी की रणनीति में बदलाव जरूरी है। संगठन में बदलाव का भी क्या फायदा नेता तो वही रहेंगे। हमारी रणनीति बेहतर होनी चाहिए। विधायकों के टूट की अटकलों के बीच कांग्रेस में अध्यक्ष के बदलाव की अटकलें भी तेज हो गई हैं. हालांकि मामले में सभी इशारों में ही जवाब दे रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भक्त चरण दास अपनी मुहीम में कितना सफल हो पाते हैं.