यूक्रेन पर रूस के हमले रुक नहीं रहे , लेकिन अब रूस का अगला हमला कहां होने वाला है. यूक्रेन का कौन सा शहर कौन सी बिल्डिंग तबाह होने वाली है. दुनिया मे किसी को इसका पता नहीं चल रहा है.रूस कहां और कब सेना हटाएगा. कब मिसाइलें गिराएगा. कहां पर सेना वापस लौट आएगी. न ज़ेलेंस्की समझ पा रहे हैं न बाइडेन
यूक्रेन के टैंक्स के अंदर गोला बारूद देखकर दुनिया समझ सकती हैं अगर यूक्रेन के सैनिक इन्हें छोड़कर नहीं भागते तो रूस की सेना को नुकसान भी पहुंचा सकते थे, रूस की सेना लैंड माइंस को साफ करके टैंक और सैन्य वाहनों के निकलने का रास्ता बना रही हैं और जहां जहां यूक्रेन के सैनिकों की मौजूदगी हो रही है वहां हमला किया जा रहा है. अब रूस की सेना का हमला डोनबास में ज्यादा तेज हो गया है. लेकिन कीव,खारकीव जैसी शहरों में भी रूस के बम बरस रहे हैं.
यहीं से शुरू होती है यूक्रेन, नेटो और अमेरिका का कन्फ्यूज़न. कि आखिरकार पुतिन की रणनीति क्या है.तो सबसे पहले बात करते हैं यूक्रेन की, जिसके मुताबिक अब रूस ने रणनीति बदलते हुए लॉग रेंज मिसाइलों से यूक्रेन के शहरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. यूक्रेन के चीफ आफ स्टॉफ ऑलेक्ज़ेंडर ग्रुज़ेविच के मुताबिक अब दुश्मन लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला कर रहा है. वह सीधी लड़ाई से बच रहा है. रूस पीछे से हमले का प्रयास करता है और उससे पहले तोपखाने का इस्तेमाल करता है. ये यूक्रेन के सैन्य अफसरों की समझ है. लेकिन नेटो और अमेरिका भी युद्ध पर नजर बनाए हुए हैं. रूस के हमले की रणनीति को समझकर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. लेकिन पुतिन की चाल को समझना इतना आसान नहीं है.
इससे पहले खबरें ये भी आई थीं कि रूस कीव और चेर्नोवील से अपनी सेनाओं को पीछे हटा रहा है. अमेरिका की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई थी. लेकिन नेटो ने इसका खंडन कर दिया है. जिस तरह रूस के सैन्य वाहन टैंक और सैनिक लगातार आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं. उससे यूक्रेन की चिंता बढ़ गई है और रूस की सेना की बदलती रणनीति ने भी यूक्रेन को परेशान कर दिया है. जाहिर सी बात है पुतिन इस वक्त दुनिया को अपने फैसलों से हैरान कर रहे हैं. लेकिन इस बीच रूस की तरफ से एक बात दुनिया को साफ साफ बता दी गई है. वो कौन सा देश है जो रूस यूक्रेन वॉर की आग को ठंडा कर सकता है