विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने अमेरिकी दौरे पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों सहित 50 से अधिक आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे और शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र को संबोधित करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर 18 से 24 सितंबर तक न्यूयॉर्क में रहेंगे। जबकि, वह 25 से 28 सितंबर तक वाशिंगटन डीसी का दौरा करेंगे। सोमवार को उन्होंने आठ विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं और इंडोनेशिया से त्रिनिदाद तक के भूगोल और सुरक्षा, खाद्य और कृषि से लेकर अर्थव्यवस्था और विकास तक के विषयों को कवर करते हुए दो बहुपक्षीय सत्रों में भाग लिया। वहीँ बैठकों का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा।
दुनिया भर के समकक्षों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला के क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्बिया के विदेश मंत्री, निकोला सेलाकोविक के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयॉर्क शहर दोस्तों से भरा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अल्बानिया की विदेश मंत्री ओल्टा जहाका के साथ मुलाकत की तस्वीरें भी ट्वीट की। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ओल्टा जहाका से मिलकर खुशी हुई। उन्होंने आगे कहा कि हमनें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमारे करीबी सहयोग को महत्व दिया है। हमारे बीच अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई है। इसके साथ ही यूक्रेन और ऊर्जा सुरक्षा के विचारों पर भी आदान-प्रदान किया गया है।
एक और ट्वीट में लिखा कि भारत-यूएई-फ्रांस की पहली त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि तीनों देशों में विचारों का सक्रिय आदान-प्रदान हुआ। जयशंकर ने साथ ही फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना और अपनी मेजबानी के लिए यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत और फ्रांस समुद्री देश हैं जिनमें समुद्री प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक अनुसंधान, मत्स्य पालन, बंदरगाह और शिपिंग जैसे गतिशील समुद्री अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्र हैं। इसलिए दोनों देशों ने वैज्ञानिक ज्ञान और महासागर संरक्षण में साझा योगदान करने पर विचार किया है। वहीं, संयुक्त अरब अमीरात के साथ भी आर्थिक संबंध बेहतर बनाने पर चर्चा हुई।