एटीएस ने इसी साल 6 जनवरी को संत कबीर नगर जिले के समर्थन गांव में बसे रोहिंग्या अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद 28 फरवरी को अलीगढ़ के कमेला रोड पर रहे मोहम्मद फारुख और हसन को पकड़ा था. फिर फारुख के भाई शाहिद को 1 मार्च को उन्नाव से पकड़ा गया. इन सभी की गिरफ्तारी के बाद एटीएस को प्रदेश में छिपकर रह रहे कई रोहिंग्या मुलसमानों के बारे में जानकारी मिली.जिसके बाद रोहिंग्या मुसलमानों पर प्रदेश में शिकंजा कसने की शुरुआत की गई ।
1) यूपी एटीएस ने गाजियाबाद से 2 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया
2) आमिर हुसैन और नूर आलम की गिरफ्तार बड़ी कामयाबी
3) रोहिंग्या मुलसमानों की घुसपैठ करवाने के मास्टरमाइंड
4)फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर म्यामार-बांग्लादेश के लोगों को भारत लाता था
5)गिरफ्तार हुए इन अपराधियो से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए है।
6)आमिर हुसैन नामक वेंडर है जो अवैध तरीके से रोहिंग्या नागरिकों की भारत में एंट्री कराता है
7)वेंडर दिल्ली के खजूरी खास से ऑपरेट करता है
फिलहाल अभी सजिशों के खुलासे शुरू हुए हैं लेकिन जिस तरह से इन रोहिंग्या मुसलमानों को उत्तर प्रदेश में बसाने की साजिश की जा रही है उसके पीछे किसका हाथ है और साजिश करने वालों का यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से क्या संबंध है यूपी एटीएस इसकी जांच में जुटी है