रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 महीने हो चुके हैं. युद्ध थमने के बजाय और खतरनाक रुप लेता जा रहा है. अभी तक यूक्रेन को सैन्य मदद देने से बच रहा जर्मनी. अब यूक्रेन को 50 एंटी एयरक्रॉफ्ट गेपर्ड टैंक सप्लाई करेगा। लंबे समय से जर्मनी की रणनीति रही है कि वो किसी युद्ध क्षेत्र में भारी सैन्य हथियार नहीं भेजेगा लेकिन अब उसने ये नीति बदल दी है। इससे पहले लगातार जेलेंस्की. सैन्य मदद नहीं करने के लिए जर्मनी की आलोचना करते रहे हैं. टैंकों को तकनीकी तौर पर और अपग्रेड करके यूक्रेन भेजा जाएगा.
जर्मनी के रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच ने कहा कि ”हमने कल फैसला किया था कि यूक्रेन को गेपर्ड एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम के साथ समर्थन दिया जाएगा, जो कि यूक्रेन को अभी जमीन से अपने हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए चाहिए ”
We decided yesterday to support Ukraine with Gepard anti-aircraft systems which is exactly what Ukraine needs right now to secure its airspace from the ground ))
वहीं अमेरिका जो लगातार यूक्रेन को मदद कर रहा है एक बार फिर से यूक्रेन को हरसंभव हथियारों की मदद देने का भरोसा दिया है, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि
“हमने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की, उनकी सेना के प्रमुख, रक्षा सचिव के साथ समय बिताया, यह देखते हुए कि उनका मानना है कि उन्हें आगे की लड़ाई पर और प्रभावी ढंग से लड़ना है। सचिव ऑस्टिन आज जर्मनी में हैं, मेरे विचार से, लगभग 40 देशों के प्रतिनिधियों ने यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया है कि यूक्रेन के कैसे मदद कर सकते हैं। मुझे लगता है कि हम पूरी तरह इस बात को समझते हैं कि वे क्या कहते हैं कि उन्हें क्या चाहिए और हमें जो लगता है कि हम प्रदान करने में सक्षम है।”
जहां एक और जर्मनी और अमेरिका मदद देने की बात कह रहे हैं वहीं रूस ने खारकीव पर बड़ा हमला किया है. खारकीव में किए गए इस हमले में तीन लोगों के मारे जाने की आशंका है. अगर रूसी हमले तेज हो चुके हैं तो यूक्रेन भी करारा जवाब दे रहा है. युद्ध के बीच इस युद्ध को रोकने के लिए UN महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने पुतिन से रूस में मुलाकात की,हालांकि अभी तक इस मामले में कोई ठोस बढ़त नहीं हुई है यानी फिलहालय ये युद्ध को लगता है चलता ही रहेगा