हमारे समाज में यू तो कई परेशानी है, लेकिन एक परेशानी ऐसी हो जो हर समाज, हर क्षेत्र हर इलाके, हर मोहल्ले की है, और वो है आम रास्ते को रोकना, या उसमें रुकावट पैदा करना, अक्सर हमारे समाज को दबंग और रसूख वाले लोग अपनी ताकत का इस्तेमाल कर लोगों का रास्ता बंद कर देते हैं या अगर कोई वहां से गुजरता है तो उसे दबंगई दिखाते हैं. अगर कोई शख्स ऐसा करता है तो वो कानूनी रुप से अपराध कर रहा है और इसके लिए कानून में सजा का प्रावधान हैं. इसके लिए पीड़ित व्यक्ति पुलिस थाने में जाकर IPC की धारा 339 के तहत FIR दर्ज करवा सकता है.
भारतीय संविधान की दंड संहिता में धारा 339 के तहत परिभाषित किया गया है कि अगर कोई शक्स किसी दूसरे इंसान का उसकी इच्छा के बिना आम रास्ता रोकता है, किसी के आने जाने पर रोक लगाता है तो वो कानून गलत है, अगर कोई शख्स अपनी दबंगई दिखा कर आम रास्ते पर रोक लगाए, दीवार या बाउंड्री कर दें, जिससे रुकावट पैदा होने लगे तो वो अपराध की क्षेणी में आता है, जिसके लिए कानून में सजा तक का प्रावधान हैं. इस तरह के अपराध के लिए धारा 341 के तहत सजा का प्रावधान है, हालांकि ये एक संज्ञेय और जमानतीय अपराध है, जिसके लिए आरोपी को एक महीने की सजा या 500 रुपया जुर्माना या दोनों तरीके से सजा सुनाई जा सकती है
नोट- यह धारा प्राइवेट रास्ते और आपसी सहमति से खेत में बनाये गए रास्ते पर लागू नहीं होती है।, ये लेख दरभंगा के वरिष्ठ वकील रौनक हुसैन से बातचीत के आधार पर लिखी गई है