क्या थी शहीद जनरल बिपिन रावत की अंतिम इच्छा ? - The Media Houze

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम इच्छा क्या थी. जनरल रावत का आखिरी वादा क्या था. अपने दोस्तों के बीच जनरल रावत का कद कितना ऊंचा था । और कुन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की असली वजह क्या थी. आज ये सारी बातें आपसे हम एक-एक कर शेयर करेंगे । लेकिन सबसे पहले जनरल बिपिन रावत की कहानी, उनके दोस्तों की जुबानी.

जनरल बिपिन रावत महान देशभक्त भी थे और दोस्तों के दोस्त भी थे । इसीलिए तो उनके साथी भी उनपर जान छिड़कते थे । उनकी हर एक उपलब्धि का जश्न मनाते थे. कुछ इस तरह । जनरल बिपिन रावत का ये वीडियो IAS अधिकारी अवनीश सरण ने सोशल मीडिया पर शेयर किया
लेकिन आज हम जनरल रावत की कहानी, उनके कुछ ऐसे साथियों की जुबानी बताएंगे. जिनसे बेहतर सेना में शायद ही उन्हें कोई और समझता होगा । इनमें से एक हैं लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड ए के भट्ट । लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड एस ए हसनैन । लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड शौकन चौहान । और लेफ्टेनिंट जनरल रिटायर्ड अश्विनी कुमार । ये चारों अफसर जनरल बिपिन रावत के साथी हैं । उनके साथ सेना में लंबा सफर तय किया है । उनकी नेतृत्व क्षमता को करीब से देखा है-जाना है-समझा है । जब जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख थे, तब अश्विनी कुमार उनके ठीक नीचे एजूटेंट जनरल की जिम्मेदारी संभाल रहे थे । आखिरी बार जनरल रावत से उनकी बात 21 नवंबर को हुई थी ।

लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड ए के भट्ट के मुताबिक डोकलाम में भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के दौरान जनरल रावत ने जैसा कुशल नेतृत्व दिखाया, वो सैन्य इतिहास में याद रखा जाएगा । असम राइफल्स के पूर्व डीजी लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड शौकिन चौहान भी जनरल बिपिन रावत के अच्छे दोस्त थे । लेफ्टिनेंट जनरल (रि) एसए हसनैन ने तो जनरल बिपिन रावत को एक नये अफसर से सेना प्रमुख बनते देखा । वो खास बात जो जनरल रावत को दूसरे अफसरों से अलग बनाती थी